अयोध्या
अयोध्या में रामजन्मभूमि को लेकर पिछले 70 साल से चले आ रहे विवाद के खात्मे के बाद अब उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को दो बड़ी चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में अयोध्या में मुसलमानों को प्रमुख स्थान पर 5 एकड़ जमीन देने का आदेश सरकार को दिया है। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश लागू करना योगी सरकार के टेढ़ी खीर साबित होने जा रहा है। इसके अलावा मुख्यमंत्री को सार्वजनिक रूप से जश्न से दूर रहकर शांति और व्यवस्था भी बनाए रखना होगा।
सुप्रीम' फैसले के बाद मस्जिद की जमीन को लेकर पेच
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी इस पूरे मामले में एक पेच फंसा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ 'उपयुक्त जमीन' देने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए या तो केंद्र सरकार को अपनी 67 एकड़ अधिगृहीत जमीन में से 5 एकड़ देना होगा या राज्य सरकार को अयोध्या के अंदर प्रमुख स्थान पर 'उपयुक्त जमीन' मस्जिद निर्माण के लिए देनी होगी। कोर्ट ने मस्जिद की जमीन के आवंटन के लिए आपस में सलाह के लिए कहा है।
राम मंदिर के बगल में मस्जिद बनाने से अच्छा विकल्प अयोध्या में प्रमुख स्थान पर 5 एकड़ जमीन देना ज्यादा व्यवहारिक विकल्प प्रतीत हो रहा है। ऐसे में सीएम योगी के लिए प्रमुख स्थान पर मस्जिद के निर्माण के लिए जमीन तलाशना टेढ़ी खीर साबित होने जा रहा है। अब बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि यह 5 एकड़ मस्जिद की जमीन 14 कोसी परिक्रमा पथ के अंदर होगी या बाहर। बता दें कि बड़ी संख्या में राम भक्त 14 कोसी परिक्रमा करते हैं।
मस्जिद 14 कोसी परिक्रमा पथ के बाहर बने'
एक सूत्र ने कहा कि बीजेपी का मानना है कि मस्जिद को 14 कोसी परिक्रमा पथ के बाहर बनाया जाना चाहिए ताकि दोनों समुदायों के बीच विवाद का कोई मुद्दा ही नहीं रहे। सूत्रों के मुताबिक फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया गया है, ऐसे में मस्जिद की 5 एकड़ जमीन जिले में कहीं भी दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि मस्जिद की जमीन को फैजाबाद हाइवे के पास दिया जा सकता है जो सड़क मार्ग से बहुत अच्छे से जुड़ी हुई है। हालांकि इस पर कोई भी फैसला केंद्र सरकार के साथ बातचीत के बाद ही लिया जाएगा। बता दें कि यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वीकार कर लिया है। बोर्ड ने कहा है कि 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद बनाने के आदेश का वह सम्मान करता है।