राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश होने से पहले मोदी का विपक्ष पर पाक तंज


नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन बिल पर आज राज्यसभा में भी संग्राम तय लग रहा है। बीजेपी ने बुधवार सुबह संसदीय दल की बैठक में बिल को राज्यसभा से पास करवाने की रणनीति बनाई। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी बिल का विरोध कर रहे विपक्षी सांसदों पर जमकर बरसे। उन्होंने कुछ विपक्षी सांसदों पर पाकिस्तान जैसी भाषा बोलने का आरोप भी लगाया। मोदी ने नागरिकता बिल को देशहित में बताते हुए कहा कि इससे लाखों शरणार्थियों की जिंदगी में बदलाव आएगा।


संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों को नागरिकता विधेयक को लेकर निर्देश दिया। मीटिंग में प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बिल पर कुछ विपक्षी दल पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। बीजेपी सांसदों को प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश दिया कि वह जनता तक यह संदेश पहुंचाएं कि बिल पूरी तरह से देशहित में है। इससे पड़ोसी मुल्क के पीड़ित अल्पसंख्यकों को न्याय मिलेगा। यह एक ऐतिहासिक कानून साबित होगा। 


'राज्यसभा में रहें सभी सांसद'
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में बीजेपी के सभी राज्यसभा सांसदों से सदन में मौजूद रहने को कहा। बता दें कि राज्यसभा में बिल को पास करवाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 121 का है। बीजेपी मोटे तौर पर इस मैजिक नंबर के पार लग रही है, लेकिन थोड़ा हेर-फेर बीजेपी का गेम बिगाड़ सकता है। बीजेपी की ओर से सभी सांसदों को विप भी जारी कर दिया गया है।

सरकार के पक्ष में हैं आंकड़े
लोकसभा से पास होने के बाद नागरिकता संशोधन बिल को अब राज्यसभा का रास्ता पार करना है। मोदी सरकार के पास शिवसेना के विरोध के बाद भी राज्यसभा में आज पेश किए जाने वाले बिल पर पास कराने लायक आंकड़े लग रहे हैं। सदन की कुल संख्या 245 है, लेकिन अभी पांच सीटें खाली हैं। इस लिहाज से वर्तमान संख्या 240 है। बीजेपी को बिल पास कराने के लिए 121 सांसदों का समर्थन चाहिए। राज्यसभा में 83 सदस्यों वाली बीजेपी को जेडीयू (6), एलजेपी (1), एसएडी (3), आरपीआई (1) जैसे गठबंधन दलों के अलावा एआईएडीएमके (11), बीजेडी (7), वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (2) जैसे बाहरी दलों का भी समर्थन हासिल है। 11 मनोनीत सदस्यों का समर्थन भी बीजेपी के साथ होने का दावा किया जा रहा है।


शिवसेना वॉकआउट कर सकती है
विपक्षी दलों ने प्रस्तावित विधेयक के कई पहलुओं पर मोदी सरकार को घेरने की व्यापक योजना बनाई है। जेडीयू ने थोड़ी हिचक के बाद इस बिल पर सरकार का समर्थन करने की घोषणा कर दी, लेकिन शिवसेना को लेकर ऐसा लग रहा है कि वह या तो सदन से वॉकआउट करेगी या फिर उसके खिलाफ मतदान करेगी। जेडीयू नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है कि उनकी पार्टी लोकसभा वाले अपने रुख पर कायम है। शिवसेना का कहना है कि विधेयक को लेकर उनका सुझाव नहीं माना गया है, इसलिए वह विधेयक का विरोध करेगी। जेडीयू के राज्यसभा में छह और शिवसेना के तीन सदस्य है।