उन्नाव रेप केस: दोषी करार दिए जाने पर फफक कर रोने लगे कुलदीप सिंह सेंगर


नई दिल्ली
उन्नाव रेप केस में दोषी ठहराए जाने पर बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर रो पड़े। कोर्टरूम में दोषी करार दिए जाने के तुरंत बाद सेंगर को रोते हुए देखा गया। वह अपनी बहन के पास जाकर रोने लगे। नाबालिग लड़की से रेप के मामले में कोर्ट ने आईपीसी और पॉक्सो ऐक्ट के तहत कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया। मंगलवार को अदालत कुलदीप सिंह सेंगर की सजा को लेकर बहस होगी।


तीस हजारी कोर्ट के जिला जज धर्मेश शर्मा ने सेंगर को दोषी करार दिया, लेकिन सह-आरोपी शशि सिंह को सभी आरोपों से बरी कर दिया। कुलदीप सिंह सेंगर को नाबालिग से रेप के मामले में उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। बता दें कि केस सामने आने के बाद भारी विरोध पर बीजेपी ने सेंगर को पार्टी से निलंबित कर दिया था, लेकिन इस साल अगस्त में उन्हें निष्कासित ही कर दिया गया।

कोर्ट की सीबीआई को लगाई फटकार
इससे पहले अदालत ने 2017 के अपहरण और बलात्कार मामले में विधायक सेंगर को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने चार्जशीट दाखिल करने में देरी को लेकर सीबीआई को फटकार भी लगाई। महिला आरोपी शशि सिंह को कोर्ट ने दोषमुक्त करार दिया।


कोर्ट ने कहा, शक्तिशाली थे सेंगर, देर से दर्ज हुआ केस
अदालत ने कहा, 'सेंगर एक शक्तिशाली व्यक्ति था, पीड़िता महानगरीय शिक्षित क्षेत्र की नहीं बल्कि गांव की लड़की थी, जिसकी वजह से मामला दर्ज कराने में देर हुई। उसके द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखे जाने के बाद उसके परिवारवालों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए।'

प्रधानी से की थी राजनीतिक करियर की शुरुआत

कुलदीप सिंह सेंगर के एक पड़ोसी बताते हैं कि उनकी राजनीति की शुरुआत माखी ग्रामसभा के प्रधान के रूप में हुई थी। विधायक बनने से पहले वह तकरीबन 15 साल तक प्रधान रहे। माखी कुलदीप सिंह सेंगर का ननिहाल है। बचपन से ही वह यहां रह रहे थे। उनके नाना (बाबू सिंह) इससे पहले लंबे वक्त तक प्रधान रहे। फिलहाल, कुलदीप सिंह सेंगर के छोटे भाई अतुल सिंह की पत्नी माखी ग्रामसभा से प्रधान हैं। कुलदीप सिंह सेंगर बहुत कम उम्र में गांव के प्रधान चुने गए थे।