खेत में 5 घंटे दिखता-ओझल होता रहा पैंथर, 2 ग्रामीणों को घायल किया, 5 घंटे की मशक्कत के बाद ट्रेंक्यूलाइज किया


जयपुर. आमेर तहसील के रूंडल गांव में खडोतियों की ढाणी में सोमवार को करीब 5 घंटे पैंथर दहशत के के रूप में दौड़ता रहा। इस दौरान पैंथर ने 2 लोगों को घायल भी कर दिया। एक घायल को एसएमएस के ट्रॉमा सेंटर तो दूसरे को निम्स में भर्ती कराया गया। वन विभाग की टीम ने मशक्कत के बाद पैंथर को ट्रेंक्यूलाइज किया।


दरअसल, पहाड़ियों से उतरकर एक पैंथर सुबह 10 बजे रूंडल ग्राम में आ घुसा। पैंथर एक गेहूं के खेत में पानी दे रहे किसान दंपती के नजदीक पहुंच गया। पैंथर को इतना करीब देखकर उनके होश उड़ गए और वे वहां से भाग खड़े हुए।


उनके शोर मचाते ही मिनटों में वहां ग्रामीणों का हुजूम इकट्ठा हो गया। उनके हल्ला मचाने से कुछ देर पैंथर सहमा रहा। थोड़ी देर शांत रहने के बाद पैंथर ने ग्रामीणों पर हमला बोल दिया। पैंथर ने दीपक दुसाद पुत्र साधु राम और राजेंद्र दुसाद को घायल कर दिया। ग्रामीणों के हल्ला मचाने पर पैंथर ने उन्हें छोड़ दिया। गंभीर घायल राजेंद्र दुसाद को एसएमएस अस्पताल और दीपक को निम्स हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया।


समाजसेवी सूरजभान डाबड़, रामसिंह खडोतिया, सीएल दुसाद, अजय सिंह रूंडल आदि लोगों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया। वन विभाग को पैंथर की सूचना दी। वन विभाग की टीम दोपहर 1:30 बजे मौके पर पहुंची और पैंथर को ट्रेंक्युलाइज करने का प्रयास किया।


पैंथर गेहूं के खेत में छिपता रहा। फसल बड़ी होने के कारण वह बार-बार नजरों से ओझल होता रहा। इससे वन विभाग की टीम को उसे ट्रेंक्युलाइज करने में परेशानी आई। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद पैंथर को ट्रेंक्युलाइज किया जा सका। वन विभाग की टीम उसे नाहरगढ़ अभ्यारण लेकर चली गई।


पैंथर के हमले से मरी थी 28 बकरियां
पैंथर ने गत छह फरवरी को भी रात्रि में मानपुरा माचेड़ी के खटीक मोहल्ले में भूरा राम के बाड़े में बंधी बकरियों पर हमला कर दिया था। इस हमले में 28 बकरियां मर गई थीं। इसके अलावा भी क्षेत्र के दुसादों की ढाणी, रूंडल में भोमिया जी मंदिर के पास पैंथर ने हमला किया था।


वन विभाग नकारता रहा और होते रहे हमले


गत 6 महीनों में चार हमले पैंथर के द्वारा क्षेत्र में हो चुके हैं, लेकिन मजे की बात यह है कि वन विभाग के अधिकारियों ने कभी भी इसे स्वीकार नहीं किया कि हमले पैंथर ने किए हैं। अधिकारी हमेशा ही कहते रहे कि यह हमले पैंथर के नहीं हैं।