जयपुर. विधानसभा में शनिवार को अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक पारित हो गया। भाजपा ने बिल में प्रिंटिंग मिस्टेक का हवाला देते हुए सदन में संशोधित ड्राफ्ट लाए जाने की मांग की, लेकिन संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने इस मांग को खारिज कर दिया। विरोध में भाजपा विधायक सदन से वाकआउट कर गए और उनकी गैर मौजूदगी में ही बिल पारित करवा लिया गया।
इस बिंदु पर थी आपत्ति
भाजपा के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बिल पर बहस करते हुए कहा - '' प्रस्तावित विधेयक में वकील की आकस्मिक मृत्यु पर मिलने वाली सहायता राशि प्रस्तावना और खंड में अलग-अलग दी हुई है। उन्होंने कहा कि विधेयक की प्रस्तावना में राशि 2.5 लाख से बढ़ाकर सात लाख रुपए किए जाने की बात कही जा रही है। विधेयक में धारा 17 में इसे 2.5 लाख से बढ़ाकर आठ लाख करने का उल्लेख किया है।
धारीवाल बोले इसका संशोधन पहले ही ला चुके हैं
इस पर बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए धारीवाल बोले- '' यह राशि में इस अंतर के लिए सदन में पहले ही संशोधन पत्र लाया जा चुका है।'' इस पर भाजपा विधायक बोले- ''उन्हें कोई संशोधन पत्र नहीं मिला है।'' इसके बाद धारीवाल ने कहा- '' यह उनकी गलती नहीं, इसका जवाब विधानसभा सचिवालय दे सकता हैं।''
सदस्यता शुल्क 17 हजार से बढ़ाकर एक लाख किया
बिल में अधिवक्ताओं के लिए आजीवन सदस्यता शुल्क को 17500 रुपए से बढ़ाकर सीधे एक लाख रुपए कर दिया गया है। गंभीर बीमारी में इलाज के लिए मिलने वाली आर्थिक सहायता को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर तीन लाख रुपए किया गया है।
स्टायफंड और प्रोटेक्शन बिल पर चल रहा है विचार :धारीवाल
भाजपा विधायकों ने चर्चा के दौरान अधिवक्ताओं के लिए स्टायफंड और उनकी सुरक्षा के लिए प्रोटेक्शन एक्ट लाए जाने की मांग की। इसके जवाब में धारीवाल ने कहा- ''इन दोनों ही मुद्दों पर सरकार में विचार चल रहा है।''