22 विपक्षी नेताओं की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग / सोनिया ने कहा- प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर सरकार के पास कोई रणनीति नहीं, पीएम का पैकेज भद्दा मजाक है


नई दिल्ली. देश के 22 दलों के नेता कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। इसमें हाल ही में अम्फान तूफान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की गई। चर्चा में रेजोल्यूशन भी पास किया गया, जिसमें राहत और पुनर्वास को प्राथमिकता देने को कहा गया।


यह भी कहा कि विपक्षी दलों का ओडिशा और पश्चिम बंगाल की सरकार और लोगों को सपोर्ट है। चर्चा में कांग्रेस नेताओं के अलावा तृणमूल कांग्रेस, राकांपा, शिवसेना, द्रमुक, जेडीएस, राजद, वामदल, हम समेत कई पार्टियों के नेताओं ने शिरकत की। बैठक में आम आदमी पार्टी शामिल नहीं हुई। 


सोनिया ने मजदूरों के मुद्दे पर जताई नाराजगी


    सोनिया ने कहा कि सरकार संघवाद और लोकतांत्रिक मूल्यों को भूल गई है। प्रवासी मजदूरों और लॉकडाउन में आगे की क्या रणनीति होगी, सरकार के पास इसका कोई खाका तैयार नहीं है।
    प्रवासी मजदूर और 13 करोड़ परिवार आबादी के सबसे निचले स्तर पर हैं, सरकार ने इन्हें दरकिनार कर दिया है।
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांच दिन तक इसका ब्रेकअप देती रहीं। यह देश के साथ भद्दे मजाक जैसा है।


रेजोल्यूशन में क्या कहा?


साइक्लोन में मारे गए लोगों और उनके परिवारों के प्रति हम गहरी संवेदना जताते हैं।


तूफान के चलते अन्य बीमारियों के पनपने का खतरा हो सकता है, इस आशंका को दरकिनार नहीं किया जा सकता।


देश के लोग कोरोनावायरस महामारी से जूझ रहे हैं। हम विपक्षी दलों की सरकार से अपील है कि देशवासियों को जल्द से जल्द मदद मुहैया कराएं।


देश में 25 मार्च से लॉकडाउन जारी 


कोरोनावायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से देश में लॉकडाउन लागू किया है। 18 मई से इसका चौथा फेज शुरू हुआ है।  इस दौरान बड़ी संख्या में श्रमिक महानगरों से अपने घर जाने के लिए पैदल निकल गए हैं। कई जगहों पर हुई दुर्घटनाओं में मजदूरों की मौत भी हुई है।