शेल्टर होम की दीवार फांद कर भागे छह मजदूर और दो बच्चे, सभी पंजाब के रहने वाले थे


जयपुर. (सतीश गर्ग)। शेल्टर होम राजकीय सावित्री बाई फुले कन्या छात्रावास रतनपुरा से छह मजदूर और दो बच्चे भाग गए। ये आठों पंजाब से थे जो बीकानेर में मजदूरी करने आए थे। लॉकडाउन के चलते यहां फंस गए थे। पंजाब मुक्तसर के रहने वाले कुलविंद्र सिंह, बिंदर सिंह, गुरमीत राम, मनजीत कौर, विक्की, दीपक और दो बच्चे मनप्रीत कौर, अंग्रेज सिंह करीब 25 दिनों से यहां ठहराए हुए थे। प्रशासन इनकी उचित देखभाल कर रहा था।


बीती रात को छात्रावास में एक शिक्षक और एक होमगार्ड निगरानी के लिए डयूटी पर तैनात थे, लेकिन रात को ही किसी समय मजदूरों ने छात्रावास के आंगन के पीछे की दीवार को फांद दिया। उसके बाद आंगन के लॉक लगे दरवाजे को चुपचाप खोल लिया और एक-एक करके छात्रावास की पीछे की दीवार फांद कर भाग गए।


डयूटी पर तैनात शिक्षक और होमगार्ड को तब पत्ता चला जब सुबह चाय देने उनके कमरे में आवाज लगाई। उनके कमरों में पंखे चल रहे थे, लेकिन कमरे में कोई भी नहीं था। शिक्षक अमींचद और छात्रावास अधीक्षक भावना बिश्नाई के द्वारा मजदूरों की शेल्टर होम से भागने की सूचना प्रशासन और पुलिस को दी गई।


पुलिस अधिकारी और प्रशसान ने मौके की जानकारी लेकर उच्च अधिकारियों को दी। खास बात है कि ये मजदूर कई दिनों से प्रशासन और पंजाब सरकार से अपने घर जाने की गुहार लगा चुके थे, लेकिन पंजाब सरकार और प्रशासन के द्वारा बार-बार पत्र व्यवहार किए जाने पर भी अनुमति नहीं दी जा रही थी। हालांकि प्रशासन के द्वारा रोजना इन्हें चाय नाश्ता, भोजना आदि दिया जा रहा था।