जयपुर. राजस्थान की खींवसर विधानसभा में उपचुनाव के बाद अब भाजपा-आरएलपी गठबंधन में दरार के संकेत दिखने लगे हैं। यहां उपचुनाव में कांग्रेस के हरेंद्र मिर्धा और आरएलपी प्रत्याशी नारायण बेनीवाल के बीच कड़ा मुकाबला हुआ। हालांकि, इस मुकाबले में नारायण साढ़े चार हजार वोटों से जीत गए। नारायण, आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल के भाई हैं।आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने भाजपा की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और पूर्व कैबिनेट मंत्री यूनुस खान पर खुलकर आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा- गठबंधन होने के बाद भी उपचुनावों में इन्होंने आरएलपी प्रत्याशी नारायण बेनीवाल की खिलाफत की।
उन्होंने कहा, 'यूनुस खान यहां 7 दिन तक डेरा डाले रहे। वसुंधरा राजे ने उनके भाई को हरवाने के लिए यहां पूरी ताकत लगा दी। भाजपा की पूरी टीम कांग्रेस में मिलवा दी। उन्होंने कहा कि भाजपा का 35% वोट आरएलपी को मिला बाकी कांग्रेस में चला गया। इसके चलते जीत का अंतर कम हुआ।
बेनीवाल ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से इन नेताओं के खिलाफ शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। बेनीवाल ने यह भी कहा कि अगर पार्टी इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती तो गठबंधन पर विचार किया जाएगा।
भाजपा के वोट से खींवसर सीट जीते बेनीवाल: पूनिया
वहीं, दूसरी तरफ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का दावा है कि भाजपा के कोर वोट बैंक की वजह से ही नारायण बेनीवाल खींवसर सीट से उपचुनाव जीतने में कामयाब हुए। खुद नारायण ने इसके लिए मुझे फोन कर धन्यवाद दिया था। पूनिया ने यह कहा कि आरएलपी के साथ निकाय चुनावों में भाजपा गठबंधन करेगी या नहीं यह जल्द तय करेंगे।