नई दिल्ली
यूरोपियन यूनियन के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हो चुका है। सांसदों का दल मंगलवार सुबह करीब 8 बजे दिल्ली से श्रीनगर के लिए रवाना हुआ है। कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद यह किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल की पहली कश्मीर यात्रा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने EU सांसदों को जम्मू-कश्मीर जाने देने और भारतीय सांसदों पर 'बैन' को लेकर सवाल उठाए हैं। बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने भी केंद्र के इस रुख पर हैरानी जताई है। कश्मीर दौरे पर जाने वाले इस दल के सदस्य और वेल्स से यूरोपियन संसद के सदस्य नाथन गिल ने उम्मीद जताई कि इस दौरे से जमीनी हालत जानने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, 'यह हमारे लिए एक शानदार मौका है जब हम विदेश प्रतिनिधि के तौर पर कश्मीर जाकर हालात का जायजा लेंगे और जमीनी हकीकत को खुद देखेंगे।
बता दें कि ईयू सांसदों का यह दौरा विपक्ष के भारी विरोध के बीच हो रहा है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने विदेशी सांसदों को जम्मू-कश्मीर जाने देने और भारतीय सांसदों पर 'बैन' को लेकर सवाल उठाए हैं। राहुल ने ट्वीट किया, 'यूरोप के सांसदों का जम्मू-कश्मीर दौरे के लिए स्वागत है लेकिन भारतीय सांसदों पर प्रतिबंध है और एंट्री नहीं है। इसमें कहीं न कहीं कुछ बहुत गलत है।' खुद बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने केंद्र सरकार के ईयू सांसदों को कश्मीर भेजने के फैसले पर हैरानी जताई है।
सोमवार को पीएम मोदी से मिला था यह दल
बता दें कि यूरोपियन यूनियन के सांसदों ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की थी। पीएम मोदी ने सांसदों को संबोधित करते हुए उम्मीद जताई कि जम्मू-कश्मीर समेत तमाम इलाकों का दौरा करने से भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता के बारे में उन्हें जानकारी मिलेगी।