महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव परिणाम के एक दिन बाद शिवसेना ने चुनाव में उम्मीद से कम प्रदर्शन करने वाली भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में कोई 'महा जनादेश नहीं है और यह परिणाम वास्तव में उन लोगों के लिए सबक है, जो 'सत्ता के घमंड में चूर थे।'
भाषा के अनुसार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने 21 अक्टूबर को मतदान से पहले 'महा जनादेश यात्रा के दौरान कुल 288 में से 200 से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा किया था। फड़णवीस ने चुनाव परिणाम आने से एक दिन पहले 23 अक्टूबर को भगवा गठबंधन द्वारा 200 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करने का दावा किया था।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि इस जनादेश ने यह धारणा खारिज कर दी है कि दल बदलकर और विपक्षी दलों में सेंध लगाकर बड़ी जीत हासिल की जा सकती है। चुनाव में राकांपा और कांग्रेस ने पहले से बेहतर प्रदर्शन किया है। सम्पादकीय में परिणामों का विश्लेषण करते हुए कहा गया कि परिणाम दर्शाते हैं कि विपक्षियों को राजनीति में खत्म नहीं किया जा सकता।
मराठी समाचार पत्र ने लिखा कि चुनावों के दौरान 'भाजपा ने राकांपा में इस प्रकार सेंध लगाई कि लोगों को लगने लगा था कि शरद पवार की पार्टी का कोई भविष्य नहीं है।' शिवसेना ने कहा कि लेकिन राकांपा ने 50 सीटों का आंकड़ा पार करके वापसी की और नेतृत्वहीन कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत मिली। यह परिणाम सत्तारूढ़ों को चेतावनी है कि वे सत्ता का घमंड न करें। यह उन्हें सबक है।