जोधपुर. यूरोप के ठंडे प्रदेश के हजारों किलोमीटर की यात्रा तय सीमा पर पहुंचे एक ब्लैक स्ट्रोक पक्षी ने शुक्रवार को एक बार बीएसएफ की दिक्कतें बढ़ा दी। ब्लैक स्ट्रोक के पांव में लगे जीपीएस टैग को देख बीएसएफ को एक बार संशय हो गया कि कहीं इस पक्षी का उपयोग जासूसी करने के लिए तो पाकिस्तान की तरफ से नहीं भेजा गया हो। सीमा पर लगी तारबंदी मेैं यह ब्लैक स्ट्रोक फंस कर घायल हो गया। बाद में जीपीएस लगे इस ब्लैक स्ट्रोक को सीमा पर तैनात जवानों ने बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला और इलाज के लिए जैसलमेर लेकर रवाना हुए, लेकिन बीच रास्ते में इस पक्षी ने दम तोड़ दिया। आज सुबह तड़के सीमा पर हमेशा चौकन्ने रहने वाले जवानों ने एक बड़े पक्षी को तारबंदी में फंसा हुआ देखा। निकट जाने पर इसके पांव में जीपीएस को देख उन्हें शक हुआ कि कहीं यह कोई जासूसी उपकरण तो नहीं है। उच्चाधिकारियों को सूचित कर उन्होंने पक्षी को बड़ी मुश्किल से तारबंदी से बाहर निकाला। बुरी तरह से जख्मी हो चुके इस ब्लैक स्ट्रोक को एक वाहन के जरिये जैसलमेर रवाना किया गया, लेकिन बीच रास्ते में ही इसने दम तोड़ दिया। बीएसएफ का कहना है कि हजारों किलोमीटर की लम्बी यात्रा के दौरान यह पक्षी बुरी तरह से थक गया था। ऐसे में तरबंदी पर बैठने के दौरान यह उसमें फंस गया और घायल हो गया। अस्सी दिन में तय करता है सात हजार किलोमीटर की यात्रा
करीब तीन किलोग्राम वजनी ब्लैक स्ट्रोक मुख्य रूप से यूरोप के ठंडे क्षेत्र में पाया जाता है। यह सितम्बर-अक्टूबर में अफ्रीका या भारत में प्रवास के लिए उड़ान भरते है। भारत में यह मुख्य रूप से पंजाब को अपना प्रवास बनाता है। इन पक्षियों के यात्रा की जानकारी हासिल करने के लिए इनमें से कुछ के जीपीएस टैग लगाया जाता है। यह उन्हीं में से एक था।
यूरोप के ठंडे प्रदेश के हजारों किलोमीटर की यात्रा तय सीमा पर पहुंचे एक ब्लैक स्ट्रोक पक्षी