अयोध्या
राम की नगरी अयोध्या में मंगलवार की सुबह कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के साथ शुरू हुई। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए दूरदराज से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे और सरयू में आस्था की डुबकी लगाई। हालांकि, राम जन्मभूमि पर आए कोर्ट के फैसले के मद्देनजर प्रशासनिक बंदिशें हैं जिस कारण पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष श्रद्धालु कम नजर आए हैं।
गौरतलब है कि शनिवार को रामजन्मभूमि पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए अयोध्या में कड़ी सुरक्षा बरकरार है। यहां तक कि उस दिन पूर्णिमा स्नान के लिए अयोध्या पहुंच रहे कई श्रद्धालुओं को वापस लौटा दिया गया था लेकिन मंगलवार को स्नान के कारण प्रशासन ने सुरक्षा में कुछ ढील दे रखी है। बेरोकटोक श्रद्धालुओं को सरयू तट आने-जाने दिया जा रहा है। स्नान के बाद श्रद्धालु हनुमानगढ़ी, कनक भवन, नागेश्वर नाथ मंदिर, रामलला आदि का दर्शन पूजन कर रहे हैं।
पूरी है सुरक्षा व्यवस्था
एसएसपी आशीष तिवारी ने बताया कि अब तक करीब 5 लाख श्रद्धालुओं के सरयू स्नान करने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं का अयोध्या पहुंचना रात भर जारी रहा। कड़ी सुरक्षा के चलते परिक्रमा से पूर्णिमा तक अयोध्या के मंदिरों मे रुकने वाले श्रद्धालु वापस घर चले गए हैं। प्रशासन का दावा है कि सुरक्षा व्यवस्था हर तरह से पूरी है।
श्रद्धालुओं की भीड़ को बैरियर पर रैंडम चेकिंग करके प्रवेश दे दिया जाएगा। इसके लिए एलआईयू और गुप्तचर टीमों को लगाया गया है। अयोध्या मे चेकिंग के साथ टेंपो के प्रवेश की अनुमति दे दी गई है लेकिन जहां पार्किंग की व्यवस्था की गई है, उन्हीं इलाके के रास्ते अयोध्या में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा है। साथ ही, संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा रही है।
अलग-अलग घाटों और स्नान क्षेत्रों में 14 ऐंबुलेंस की विशेष व्यवस्था की गई है। कार्तिक पूर्णिमा मेला क्षेत्र को पूरे मुख्य रूप से जोन घाट, नागेश्वर नाथ मंदिर, हनुमानगढ़ी जोन, कनक भवन जोन, यातायात भीड़ नियन्त्रण जोन आदि जोन बनाए गए हैं। पूरे मेला क्षेत्र को लगभग 23 सेक्टरों में बांटा गया है। श्रद्धालुओं के निर्वाध गति से स्नान के बाद अपने क्षेत्र की ओर प्रस्थान व्यवस्था की गई है। सरयू स्नान सोमवार शाम 4.34 बजे से शुरू होकर मंगलवार को शाम 6.42 बजे पूरा होगा।
वाराणसी में भी भारी भीड़
वाराणसी में कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी है। इसी के साथ कार्तिक महीने में गंगा स्नान करने वालों ने स्नान-दान करके अपने संकल्प को पूरा किया। दशाश्वमेध घाट, डॉ राजेन्द्र प्रसाद घाट, शीतला घाट, तुलसी घाट, अस्सी घाट, पंचगंगा घाट, मीर घाट और त्रिपुरा भैरवी घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की तिथि को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का बहुत महत्व है। इस बार यह तिथि 12 नवंबर यानी आज है। इस दिन सभी देवी-देवताओं को एकसाथ प्रसन्न कर सकते हैं। इस दिन हवन, दान, गंगा स्नान, उपासना आदि का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान और दीप दान करने से कई यज्ञों के बराबर पुण्य मिलता है।