जोधपुर. भारतीय सेना के दो जवान पाकिस्तानी सेना की खुफिया एजेंसी आईएसआई के झांसे में आकर हनीट्रैप का शिकार हो गए। पोकरण में तैनात इन दोनों सैनिकों ने सैन्य हलचल की महत्वपूर्ण जानकारियां पाकिस्तान पहुंचाई। इंटेलिजेंस ब्यूरों(आईबी) की जानकारी के आधार पर मिली सूचना पर सेना की खुफिया पुलिस ने दोनों सैनिकों को अवकाश पर जाने के दौरान पोकरण से जोधपुर के रास्ते में उठा लिया। विस्तृत पूछताछ के लिए दोनों को जयपुर ले जाया गया है। वहां सभी खुफिया एजेंसी संयुक्त रूप से पूछताछ करेगी।
सैन्य सूत्रों का कहना है कि भारतीय सेना की पोकरण में तैनात एक यूनिट के दो जवान हनीट्रैप के जाल में फंस गए। इन दोनों ने पोकरण फायरिंग रेंज में सैन्य गतिविधियों की जानकारी विभिन्न माध्यमों के जरिये पाकिस्तान भेजी। आईबी को कुछ दिन पूर्व पोकरण से कुछ गोपनीय सूचनाओं के लीक होने की जानकारी मिली। इसके बाद आईबी ने अपना पूरा ध्यान इस क्षेत्र पर केन्द्रित किया। पड़ताल में दोनों सैनिकों के सूचनाओं को बाहर भेजने की जानकारी मिली। दोनों जवानों में एक उड़ीसा का जबकि दूसरा मध्य प्रदेश का रहने वाला है। ये दोनों सैनिक अपना नियत अवकाश लेकर पोकरण से रवाना हो चुके थे। इसके बाद आईबी की सूचना पर सक्रिय हुई सेना खुफिया पुलिस टीम ने दोनों को जोधपुर पहुंचने से पहले अपने कब्जे में ले लिया।
क्या होता है हनीट्रैप
दुश्मन को हर बार केवल जंग के मैदान में ही मात नहीं दी जाती। खुफिया तरीकों से भी दुश्मन को मात दी जाती है। इस खुफिया खेल में बहुत बड़ी भमिका निभाता है हनीट्रैप। जैसा नाम से ही जाहिर है हनी यानि शहद और ट्रैप मतलब जाल। एक ऐसा मीठा जाल जिसमें फंसने वाले को अंदाजा भी नहीं होता कि वो कहां फंस गया है और किसका शिकार बनने वाला है। खूबसूरत महिला एजेंट्स सेना के अधिकारियों या जवानों को सोशल मीडिया के माध्यम से अपने हुस्न के जाल में फंसाती हैं और उनसे महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर लेती हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी अक्सर भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना से जुड़े लोगों को हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश करती रहती है।