दिल्ली की किसी अदालत में पुलिसवाले नहीं-अब 'राम भरोसे' अदालतों की सुरक्षा


नई दिल्ली
दिल्ली की अदालतों की सुरक्षा 'राम भरोसे' है। पुलिस ने अनाधिकारिक तौर पर स्टाफ को वापस बुला लिया है। ऐसा कोई काम पुलिस नहीं कर रही, जिससे उसे अदालत जाना पड़े या वकीलों से आमना सामना हो। पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह जरूरी था कि वकीलों को पुलिस की अहमियत पता चले। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस के मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहां पर सीआरपीएफ की तैनाती की गई है।


हालांकि दिल्ली पुलिस के एडिशनल पीआरओ अनिल मित्तल ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं किया गया है। अदालत में पुलिस की पूरी सुरक्षा है। पुलिस ने आत्म सम्मान वाला बल है और अपना काम कर रही है।


सभी कोर्ट में ऐसे ही हालात
साकेत, कड़कड़डूमा, रोहिणी सहित अन्य सभी जिला अदालतों में लगभग ऐसे हालात हैं। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को पुलिस हेडक्वॉर्टर पर हुए प्रदर्शन में पुलिसकर्मियों की यह मांग थी, जिस पर विचार करने के लिए कहा गया था और बुधवार सुबह से ही अधिकारियों ने इस पर मुहर लगा दी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अब तक दिल्ली की सभी अदालतों में पुलिस की सुरक्षा पुलिस ही करती थी। कोर्ट में घुसने पर चेकिंग से लेकर पूरे कोर्ट की निगरानी का काम पुलिस के जिम्मे हैं। लेकिन अब पुलिस ने कोर्ट की सिक्यॉरिटी से अपना हाथ खींच लिया है। सुरक्षा हटाने से पहले अपने-अपने संबंधित न्यायाधीश को पूरी जानकारी दी गई थी।


हालांकि, आधिकारिक तौर पर पुलिस ऐसा होने से इनकार कर रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि लगातार कोर्ट में पुलिसकर्मियों के साथ बदसलूकी हुई थी। ऐसे में पुलिस का वहां काम करना मुश्किल हो गया।