दिल्ली में वकीलों की पिटाई के खिलाफ सड़क पर उतरे पुलिसकर्मी

नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर सुबह से ही वर्दीवालों का प्रदर्शन जारी है। दरअसल, तीस हजारी कोर्ट परिसर में वकीलों और पुलिसकर्मियों में हिंसा और वकीलों द्वारा पुलिसकर्मियों को निशाना बनाए जाने के विरोध में आज दिल्ली पुलिस के जवान सड़क पर उतर आए हैं। वे आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां सड़क को ब्लॉक कर दिया गया है और हाथ पर काली पट्टी बांधकर पुलिसकर्मी धरना दे रहे हैं। यहां लंबा जाम लगा हुआ है। हालात को संभालने के लिए पुलिस के आला अधिकारी लगातार उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं पर वे मानने को तैयार नहीं हैं। हालात पर गृह मंत्रालय की नजर है और दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी गई है। मंत्रालय ने कोर्ट में हिंसा के मामले में अब तक के ऐक्शन की पूरी रिपोर्ट मांगी है।


आपको बता दें कि पुलिसकर्मियों पर वकीलों के हमले के कई विडियो सामने आए हैं, जिससे पूरे विभाग में नाराजगी है। पुलिसवालों का कहना है कि कि उनकी कोई गलती नहीं थी, वकीलों पर मुकदमे दर्ज किए जाएं और उनके साथ इंसाफ हो। पुलिसकर्मियों का कहना है कि इस तरह पिटाई से उनका मोराल डाउन है, ऐसे में वह खुद डरा हुए महसूस कर रहे हैं। इस हालत में जनता की सेवा कैसे करेंगे। कई पुलिसकर्मियों के बच्चे भी प्रदर्शन में तख्ती लिए दिखाई दिए। कुछ आईपीएस पुलिस अफसरों ने भी ट्वीट कर पुलिस की नाराजगी को सही बताया है। पुलिसकर्मियों का सवाल है कि बिना जांच किए उनके खिलाफ ऐक्शन हो गया जबकि हिंसा करने वाले वकीलों का कुछ नहीं हुआ।


केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने एक वकील द्वारा पुलिस की पिटाई का ट्वीट शेयर करते हुए लिखा, 'एक पुलिसकर्मी की थैंकलेस जॉब होती है लेकिन वे थैंक्स के लिए काम नहीं करते। पुलिस अधिकारी हर रोज ड्यूटी पर जान की बाजी लगाते हैं।' आगे रिजिजू ने कहा कि कानून अपने हाथों में न लीजिए बल्कि कानून को अपना काम करने दीजिए।


वकील भी हड़ताल पर
उधर, दिल्ली में बार काउंसिल की अपील के बाद भी गिरफ्तारी से पहले वकील हड़ताल खत्म करने को राजी नहीं हो रहे हैं। इस वजह से आज भी हजारों मामलों की सुनवाई प्रभावित रहेगी। वहीं, दूसरी तरफ जिन वकीलों के साथ घटना हुई उनके साथ निचली अदालतों के वकील भी खड़े हैं।

तीस हजारी के बाद दूसरे कोर्टों में हिंसा
आपको बता दें कि तीस हजारी कोर्ट से हुई हिंसा के बाद ऐसे ही मामले देश के कई कोर्टों से सामने आए। सोमवार को साकेत और कड़कड़डूमा कोर्ट में पुलिसवालों को पीटने की घटनाएं हुईं। यूपी में भी वकीलों और पुलिस के बीच टकराव हो गया। सोमवार को कानपुर में वकीलों ने एसएसपी दफ्तर पर पथराव किया और पुलिस की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए। पुलिसवाले उनपर हो रहे इन हमलों के खिलाफ यह प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिसवालों की डिमांड है कि उनपर हमले करनेवालों पर ऐक्शन लिया जाए।



दिल्ली में वकीलों की पिटाई के खिलाफ सड़क पर उतरे पुलिसकर्मी, ITO पर सड़क ब्लॉक



 

नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर सुबह से ही वर्दीवालों का प्रदर्शन जारी है। दरअसल, तीस हजारी कोर्ट परिसर में वकीलों और पुलिसकर्मियों में हिंसा और वकीलों द्वारा पुलिसकर्मियों को निशाना बनाए जाने के विरोध में आज दिल्ली पुलिस के जवान सड़क पर उतर आए हैं। वे आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां सड़क को ब्लॉक कर दिया गया है और हाथ पर काली पट्टी बांधकर पुलिसकर्मी धरना दे रहे हैं। यहां लंबा जाम लगा हुआ है। हालात को संभालने के लिए पुलिस के आला अधिकारी लगातार उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं पर वे मानने को तैयार नहीं हैं। हालात पर गृह मंत्रालय की नजर है और दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी गई है। मंत्रालय ने कोर्ट में हिंसा के मामले में अब तक के ऐक्शन की पूरी रिपोर्ट मांगी है।

आपको बता दें कि पुलिसकर्मियों पर वकीलों के हमले के कई विडियो सामने आए हैं, जिससे पूरे विभाग में नाराजगी है। पुलिसवालों का कहना है कि कि उनकी कोई गलती नहीं थी, वकीलों पर मुकदमे दर्ज किए जाएं और उनके साथ इंसाफ हो। पुलिसकर्मियों का कहना है कि इस तरह पिटाई से उनका मोराल डाउन है, ऐसे में वह खुद डरा हुए महसूस कर रहे हैं। इस हालत में जनता की सेवा कैसे करेंगे। कई पुलिसकर्मियों के बच्चे भी प्रदर्शन में तख्ती लिए दिखाई दिए। कुछ आईपीएस पुलिस अफसरों ने भी ट्वीट कर पुलिस की नाराजगी को सही बताया है। पुलिसकर्मियों का सवाल है कि बिना जांच किए उनके खिलाफ ऐक्शन हो गया जबकि हिंसा करने वाले वकीलों का कुछ नहीं हुआ।

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने एक वकील द्वारा पुलिस की पिटाई का ट्वीट शेयर करते हुए लिखा, 'एक पुलिसकर्मी की थैंकलेस जॉब होती है लेकिन वे थैंक्स के लिए काम नहीं करते। पुलिस अधिकारी हर रोज ड्यूटी पर जान की बाजी लगाते हैं।' आगे रिजिजू ने कहा कि कानून अपने हाथों में न लीजिए बल्कि कानून को अपना काम करने दीजिए।
वकील भी हड़ताल पर
उधर, दिल्ली में बार काउंसिल की अपील के बाद भी गिरफ्तारी से पहले वकील हड़ताल खत्म करने को राजी नहीं हो रहे हैं। इस वजह से आज भी हजारों मामलों की सुनवाई प्रभावित रहेगी। वहीं, दूसरी तरफ जिन वकीलों के साथ घटना हुई उनके साथ निचली अदालतों के वकील भी खड़े हैं।
तीस हजारी के बाद दूसरे कोर्टों में हिंसा
आपको बता दें कि तीस हजारी कोर्ट से हुई हिंसा के बाद ऐसे ही मामले देश के कई कोर्टों से सामने आए। सोमवार को साकेत और कड़कड़डूमा कोर्ट में पुलिसवालों को पीटने की घटनाएं हुईं। यूपी में भी वकीलों और पुलिस के बीच टकराव हो गया। सोमवार को कानपुर में वकीलों ने एसएसपी दफ्तर पर पथराव किया और पुलिस की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए। पुलिसवाले उनपर हो रहे इन हमलों के खिलाफ यह प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिसवालों की डिमांड है कि उनपर हमले करनेवालों पर ऐक्शन लिया जाए।

फरीदाबाद से भी मिल रहा समर्थन
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में हुई घटना पर दिल्ली पुलिस के समर्थन में फरीदाबाद पुलिस के जवान, अधिकतर पुलिसकर्मियों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर यही तस्वीर लगाई हुई है।

सोमवार को साकेत कोर्ट का एक विडियो सामने आया था। इसमें एक बाइक सवार पुलिसवाले को कुछ वकीलों द्वारा पीटा गया था। हालांकि, वायरल विडियो में जिस पुलिसकर्मी की पिटाई की जा रही है उसकी पहचान भी नहीं हो पाई है इसलिए कोई केस दर्ज नहीं हुआ है। कड़कड़डूमा कोर्ट मामले में भी वायरल हो रहे विडियो में शाहदरा जिला पुलिस की ओर से अब तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। 
कांग्रेस का अटैक, मोदी है तो ही ये मुमकिन है
इस बीच, पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन पर कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, '72 साल में पहली बार पुलिस प्रदर्शन पर। क्या यही है बीजेपी का न्यू इंडिया। देश को कहां ले जाएगी बीजेपी? कहां गुम हैं गृह मंत्री अमित शाह? मोदी है तो ही ये मुमकिन है।'

आईटीओ-लक्ष्मी नगर वाली सड़क पर ट्रैफिक बंद
सड़क ब्लॉक होने के बाद वहां से ट्रैफिक की आवाजाही रोक दी गई है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने इसपर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि आईटीओ से लक्ष्मी नगर जाने वाली सड़क को फिलहाल बंद कर दिया गया है। लोगों को दिल्ली गेट या राजघाट की तरफ से जाने की सलाह।

हाथ में तरह-तरह के बैनर

प्रदर्शन कर रहे पुलिसवालों के हाथ में विभिन्न बैनर-पोस्टर हैं। इनमें से एक पर हाउ द जोश....लो सर, लिखा हुआ है। दूसरे पर लिखा था कि कौन सुनेगा? किसे सुनाएं?

पुलिस के साथ आईपीएस असोसिएशन
कानून की रक्षा करने वाले और कानून को प्रैक्टिस करने वाले आपस में लड़े-भिड़े तो इसकी हर तरफ से निंदा हुई। वहीं, आईपीएस असोसिएशन ने सोमवार को घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। असोसिएशन ने अपील की है कि तथ्य लोगों के सामने है लिहाजा इस पर संतुलित नजरिया अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने साथ ही कहा कि पूरे देश की पुलिस, उन सभी पुलिसकर्मियों के साथ खड़ी है जिनपर हमला हुआ है।