गहलोत बोले- क्या प्रधानमंत्री ने साढ़े पांच साल में एक बार भी इंदिरा गांधी का नाम लिया, उन्हे संकोच होता


जयपुर. मंगलवार को मुख्यमंत्री एकल नारी शक्ति संगठन की 20वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में पहुंचे। गहलोत बोले कि इंदिरा गांधी को वाजपयी जी ने दुर्गा का रूप कहा था। वे महान थीं। पूरी दुनिया में उनका नाम था। आतंकवाद का मुकाबला किया। शहीद हो गई देश के लिए। बांग्लादेश आजाद हो गया। ये उनका रूप था। मोदी जी कहते हैं 70 साल में क्या हुआ। क्या प्रधानमंत्री ने पूरे साढ़े पांच साल में एक बार भी इंदिरा गांधी का नाम लिया। आप समझ सकते हो जिनको इंदिरा गांधी का नाम लेने में संकोच होता है। महिलाओं का मान सम्मान दुनियाभर में उन्होंने बढ़ाया। उनका नाम लेते हुए संकोच होता है।  


अशोक गहलोत ने कहा कि दुर्गा के रूप में आप सभी यहां बैठी हुई हो आप सब को मुबारकबाद। आपके अंदर काम करने का और संघर्ष करने का जज़्बा है, संघर्ष का जो जज़्बा इंदिरा जी में था मेरा मानना है, वो देश की प्रत्येक नारी में होना चाहिए तभी देश आगे बढ़ेगा। इंदिरा गांधी ने देश के लिए बलिदान दे दिया लेकिन खलिस्तान नहीं बनने दिया। पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए। इसके बावजूद इंदिरा गांधी ने सेना के पराक्रम पर राजनीति नहीं की। इंदिरा गांधी को अटल जी ने दुर्गा कहा था। यहां बैठी महिलाएं भी दुर्गा है।


गहलोत ने कहा कि महिलाओं को घूंघट में कैद करके नहीं रख सकते। महिलाओं को घूंघट में रखने का किसी को क्या अधिकार। जब तक महिला घुंघट में रहेगी तब तक महिलाएं आगे नहीं बढ़ पाएगी।इसलिए महिलाओं को घूंघट में कैद ना करें समाज।


राजीव गांधी जी जब पीएम थे उस समय 73वां, 74वां संविधान संशोधन हुआ उसके फलस्वरूप महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ है, वे वार्ड पंच सरपंच, प्रधान, प्रमुख, मेयर बन सकी हैं, उसके बाद लगातार बदलाव आ रहा है। महिलाओं को हर तरह सशक्त करना हमारी जिम्मेदारी है और उसी रूप में हमने स्कीम लागू की हैं।


राष्ट्रवाद की हवा बनाई गयी


जिस तरह राष्ट्रवाद की हवा बनाई गयी, जनता सब समझती है। पहले धर्म के नाम पर थे, अब राष्ट्रवाद पर आ गए, लम्बे समय तक ये चीजें चलने वाली नहीं हैं। हरियाणा, महाराष्ट्र के चुनाव में इनकी पोल खुल चुकी है, जनता बेहद समझदार है और आप देखेंगे कि आने वाले समय में जनता समझदारी का और परिचय देगी।


निकाय चुनाव में जीत का दावा


निकाय चुनाव में हम लोग जीतेंगे, जनता को हमारे ऊपर विश्वास है। अभी दो उपचुनाव हुए थे। मण्डावा में इतनी बड़ी जीत हमारी हुई है और खींवसर में हम लोग हारे नहीं हैं, करीब 55 हजार की लीड लगभग साढ़े चार हजार पर आ गयी, आप समझ सकते हैं कि जनता ने हमारा पूरा साथ दिया है।