जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर जारी उठापटक पर बड़ा बयान दिया है। गहलोत ने कहा- 'मैंने सुना है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर प्रधानमंत्रीजी ने विशेषाधिकार का प्रयोग किया है। यह तमाशा जो हुआ है, वह देश-दुनिया देख रही है। इससे दुनिया के मुल्कों में हमारे देश की प्रतिष्ठा गिरी है।' गहलोत मंगलवार सुबह एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने बिड़ला सभागार पहुंचे थे।
गहलोत ने कहा- 'ऐसा आज तक इतिहास में कभी नहीं हुआ। राज्यपाल ने रात में कब सरकार बनाने की मंजूरी दी। कब कैबिनेट की मीटिंग हुई या नहीं। राष्ट्रपति को रिकमेंड कर दिया गया। राष्ट्रपति ने कब साइन किए, पता नहीं। रात को अंधेरे में जिस रूप में लोकतंत्र की हत्या की गई है, उसको देश कभी भूलेगा नहीं।'
संविधान दिवस से पहले लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा दी गईं
मुख्यमंत्री ने कहा- 'संविधान दिवस से 2 दिन पहले ही महाराष्ट्र में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा दी गईं हैं, यह पूरा मुल्क देख रहा है। जो सत्ता पक्ष वाली पार्टी है, वह अगर ऐसे हथकंडे अपनाएगी तो देश में लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे।' सीएम ने कहा- 'सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट के लिए आदेश दिया है, वह सबको मानना ही है। कल उसका इंतजार कीजिए। मैं उम्मीद करता हूं- अब न्याय मिलेगा और आप खुद देखेंगे- कल इनको शिकस्त मिलेगी।'
राज्यपाल को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए
महाराष्ट्र के राज्यपाल को तो रहने का अधिकार ही नहीं है। राज्यपाल को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने भाजपा और सरकार के दबाव में काम किया है, ऐसे व्यक्ति को राज्यपाल पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।
समय पर न्याय न मिलने से निराशा की स्थिति
मुल्क के हालात बड़े विकट हैं। केस की संख्या बढ़ती जा रही है। लाखों केसेज पेंडिंग हैं। लोगों को समय पर न्याय मिलता नहीं। जब समय पर न्याय नहीं मिलता है तो न्याय नहीं मिलने के बराबर होता है। इसके लिए केंद्र सरकार को भी सोचना पड़ेगा। राजस्थान में जुडिशरी में लाखों केस हो सकते हैं तो आप सोच सकते हैं कि पूरे देश में क्या स्थिति बनी हुई है। यह बहुत चिंताजनक स्थिति है। मैं समझता हूं कि समय आ गया है कि कोई तरीका ऐसा निकले कि तमाम पॉलिटिक्स पार्टी वाले मिलकर बातचीत करें और इसका हल करें जिससे कि लोगों को समय पर न्याय मिल सके।