बदल गए सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम के नियम


नई दिल्ली
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) 2019 को अधिसूचित कर दिया है, जिसने SCSS Rules 2004 की जगह ले ली है। स्कीम के तहत न्यूनतम जमा रकम 1,000 रुपये तथा अधिकतम जमा रकम 15 लाख रुपये है। यह अकाउंट पांच साल में मैच्योर होता है।नए नियमों का पहले से चल रहे खातों पर कोई असर नहीं पडे़गा।


सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम 2019 की खास बातें

डिपॉजिट अमाउंट

डिपॉजिट की अधिकतम रकम या तो रिटायरमेंट पर मिलने वाली रकम होती है या 15 लाख रुपये या फिर दोनों में से जो कम हो।

कैसे करें निवेश
60 साल की उम्र में रिटायर होने वाला कोई भी व्यक्ति इस स्कीम में निवेश कर सकता है। इसके तहत, एकल या फिर जॉइंट खाता खोला जा सकता है। पोस्ट ऑफिस या फिर किसी भी बैंक में इस स्कीम की सुविधा उपलब्ध होती है। इस योजना के मुताबिक, जॉइंट या फिर सिंगल खाता खोलकर इसमें 15 लाख तक निवेश किया जा सकता है। हालांकि, इसमें निवेश की गई रकम रिटायरमेंट पर मिलने वाली रकम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इस स्कीम में खाता खोलने के लिए अगर 1 लाख रुपये निवेश कर रहे हैं तो आप इसे कैश में दे सकते हैं। वहीं अगर यह रकम 1 लाख से ज्यादा की है तो आपको इसे चेक के रूप में जमा करना होगा।


क्या है ब्याज दर
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम के तहत 8 फीसदी से अधिक ब्याज मिलता है। वित्त मंत्रालय हर तीन महीने पर इस स्कीम की ब्याज दर की समीक्षा करता है। इस स्कीम में ब्याज का कैलकुलेशन हर तिमाही होता है। इसके तहत खाताधारक के खाते में 1 अप्रैल, 1 जुलाई, 1 अक्टूबर और 1 जनवरी को पैसा डाल दिया जाता है। इस स्कीम की अवधि 5 साल की होती है और इसे आगे और तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। अगर आप समय से पहले खाते से निकासी करते हैं तो इसके लिए आपको कुछ शुल्क देना होता है। 

3 साल का एक्सटेंशन
SCSS 2019 खाते की मैच्योरिटी के बाद उसके 3 साल के एक्सटेंशन की मंजूरी देता है और आपको ब्याज दर वही मिलेगी, जो खाते के मैच्योर होने के वक्त मिल रही थी।