दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बाजार भारत में इंटरनेट पर पाबंदियों से कितना नुकसान


नई दिल्ली
पिछले दो हफ्तों से और खासकर बीते कुछ दिनों से देश के विभिन्न इलाकों में इंटरनेट पर पाबंदी लगी है। कश्मीर में तो 4 अगस्त को ही इंटरनेट सर्विस बंद हुई थी। देश ही नहीं दुनियाभर की सरकारें विभिन्न मुद्दों पर बेकाबू प्रदर्शनों के कारण या हिंसा की आशंका में इंटरनेट, फोन सर्विस बंद कर देती हैं ताकि अफवाहों पर रोक लगाई जा सके। लेकिन, इसका चौतरफा खामियाजा भुगतना पड़ता है। टेलिकॉम कंपनियों को आर्थिक नुकसान तो होता ही है, रोजमर्रा के काम भी प्रभावित होते हैं।


किन कानूनों के तहत बंद होते हैं इंटरनेट
सरकारें इंटरनेट सर्विस पर रोक लगाने के लिए अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग कानून का सहारा लेती हैं। इन कानूनो में सीआरपीसी, 1973, इंडियन टेलिग्राफ ऐक्ट, 1985 और टेंपररी सस्पेंशन ऑफ टेलिकॉम सर्विसेज (पब्लिक इमर्जेंसी ऑर पब्लिक सेफ्टी) रूल्स, 2017 शामिल हैं।

सबसे लंबी पाबंदियां
देश में इंटरनेट सर्विस पर अब तक की सबसे लंबी पाबंदी जम्मू-कश्मीर में लगी है। सरकार ने बीते 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के लिए संविधान के आर्टिकल 370 को निष्प्रभावी करने का विधेयक संसद से पास करवाया था। चूंकि इस संवेदनशील मामले पर भीषण उपद्रव की आशंका थी, इसलिए वहां 4 अगस्त से ही इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई। जम्मू-कश्मीर में ही 2016 में दूसरी सबसे बड़ी पाबंदी लगाई गई थी।


टेलिकॉम कंपनियों को नुकसान
आंकड़े बताते हैं कि हर कंपनी को हर दिन प्रति राज्य के हिसाब से 1.5 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। अगस्त 2018 में टेलिकॉम कंपनियों ने केंद्र सरकार के सामने यह मामला उठाया था और बार-बार इंटरनेट, कॉल सर्विस पर पाबंदी से हो रहे आर्थिक नुकसान पर चिंता जताई थी।

CAA प्रोटेस्ट से कई इलाकों में इंटरनेट ठप
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ आक्रमक प्रदर्शन के कारण कई राज्य सरकारों को हिंसा प्रभावित इलाकों में इंटरनेट सर्विस रोकने का आदेश देना पड़ा है। 13 दिसंबर को नागरिकता का संशोधित कानून अस्तित्व में आने के बाद से ही देश के विभिन्न राज्यों में उपद्रव हो रहे हैं। प. बंगाल से लेकर करेल तक, कई राज्यों में वाहन फूंके जा रहे हैं, सार्वजनिक संपत्तियां क्षतिग्रस्त की जा रही हैं। हिंसात्मक प्रदर्शन के कारण उत्तर प्रदेश के 24 जिलों में इंटरनेट पर पाबंदी लागू की गई है जबकि प. बंगाल के 11 जिलों में इंटरनेट बंद है।

अभी 7 राज्यों में इंटरनेट सर्विस प्रभावित
उत्तर प्रदेश के कुल 24 जिलों में इंटरनेट ठप हैं। ये जिले हैं- आगरा, अलीगढ़, आजमगढ़, बरेली, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, मथुरा, मेरठ, मुर्शिदाबाद, मुजफ्फरनगर, रामपुर, सहारनपुर, संभल, शामली, अमरोहा, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, मऊ, सुल्तानपुर, कानपुर और वाराणसी।

प. बंगाल
के 11 जिलों में इंटरनेट सर्विस पर रोक लगी है। ये जिले हैं- मालदा, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, बारासात, बसीरहट, उत्तरी दिनाजपुर, बरुइपुर, कैनिंग, नादिया, उत्तरी 24 परगना के अलावा दक्षिणी 24 परगना के कुछ इलाके।


इनके अलावा, कर्नाटक के मंगलुरु और दक्षिण कन्नड़ जिलों में जबकि गुजरात के गांधीनगर जिले में इंटरनेट सेवा पर रोक लगी है।

दिल्ली के मंडी हाउस, सीलमपुर, जाफराबाद, मुस्तफाबाद, जामिया नगर, शाहीन बाग और बवाना जैसे इलाकों में इंटरनेट सर्विस पर पाबंदी लगी है।

असम के 10 जिलों में भी 11 दिसंबर इंटरनेट सेवा पर रोक लगी थी, लेकिन कोर्ट के आदेश पर वहां 20 दिसंबर से ये पाबंदियां हटा ली गई हैं।