जयपुर सीरियल ब्लास्ट / 11 साल बाद 4 आतंकी दोषी करार


जयपुर. विशेष अदालत ने बुधवार को जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामले में 4 आतंकियों को दोषी करार दिया। एक आरोपी शहबाज हुसैन को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। मई 2008 को परकोटे में 8 जगहों पर सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इनमें 71 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 185 जख्मी हुए थे। 


कोर्ट ने मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान, सरवर आजमी और मोहम्मद सलमान को हत्या, राजद्रोह और विस्फोटक अधिनियम के तहत दोषी पाया। शुक्रवार को कोर्ट इनकी सजा पर फैसला सुना सकता है। इस मामले में कुल 13 लोगों को पुलिस ने आरोपी बनाया था। 3 आरोपी अब तक फरार हैं जबकि 3 हैदराबाद और दिल्ली की जेल में बंद हैं। बाकी बचे दो गुनहगार दिल्ली में बाटला हाउस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। 


हमारी आंखों के सामने दरिंदों को फंदे पर लटकाएं: पीड़ित के परिजन
पीड़ित परिजन ने चारों दोषियों को आंखों के सामने फांसी पर लटकाने की गुहार लगाई है। दोषियों ने शहर में बम धमाके करने के लिए जिन जगहों और दुकानदारों से साइकिलें खरीदी थीं, उन्होंने उनकी पहचान की थी।


बम ब्लास्ट केस में 8 केस दर्ज किए गए 


13 मई 2008 की शाम परकोटा इलाके में 12 से 15 मिनट के अंतराल में चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर बम धमाके हुए थे। पहला ब्लास्ट खंदा माणकचौक, हवामहल के सामने शाम 7:20 बजे हुआ था, फिर एक के बाद एक 8 धमाके हुए। बम ब्लास्ट केस में 8 केस दर्ज किए थे। अभियोजन की ओर से मामले में 1293 गवाहों के बयान कराए थे।


कोर्ट ने इंडियन मुजाहिदीन को सीरियल ब्लास्ट के लिए जिम्मेदार माना


कोर्ट ने सीरियल ब्लास्ट के लिए आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) को जिम्मेदार माना है। साथ ही, बाटला मुठभेड़ में मारे गए दोनों आतंकियों को भी कोर्ट ने दोषी करार दिया, इसमें आतिफ अमीन को ब्लास्ट का मुख्य साजिशकर्ता माना है। कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि जेहाद की आड़ में जेहादी मानसिकता से विस्फोट किए गए। यह मानसिकता यहीं नहीं थमी। इसके बाद अहमदाबाद और दिल्ली में भी विस्फोट किए गए।