कर्नाटक उपचुनाव: कल तय होगा येदियुरप्पा सरकार का भविष्य


बेंगलुरु
कर्नाटक में बी. एस. येदियुरप्पा की अगुवाई में बीजेपी की चार महीने पुरानी सरकार का भविष्य सोमवार को स्पष्ट हो जाएगा, जब 15 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में वोटों की गिनती की जाएगी।


5 दिसंबर को हुए मतदान में 67.91 वोटर्स ने अपने अधिकारों का प्रयोग किया था। 11 केंद्रों पर वोटिंग सुबह 8 बजे शुरू होगी, जिसके नतीजे दोपहर तक आ जाएंगे। कांग्रेस और जेडीएस के 17 बागी प्रत्याशियों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद खाली हुई जगह को भरने के लिए उपचुनाव हो रहे हैं। 17 विधायकों की बगावत के बाद एच.डी. कुमारस्वामी की अगुवाई वाली सरकार जुलाई में गिर गई थी, जिसके बाद बीजेपी सत्ता में आ गई थी। 15 में से 12 सीटें कांग्रेस और 3 जेडीएस के पास हैं।

'बहुमत बनाए रखने के लिए बीजेपी को 6 सीटों की जरूरत'
उपचुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं, जिसे बहुमत में रहने के लिए कम से कम 6 सीटों की जरूरत पड़ेगी। 224 सदस्यों वाले विधानसभा के 208 तक आने के बाद बहुमत के लिए 105 की जरूरी संख्या की बदौलत सीएम बी एस येदियुरप्पा ने विश्वास प्रस्ताव हासिल कर लिया था। सदन में अभी भी 2 खाली सीटें रहेंगी, जहां हाई कोर्ट में चल रहे मुकदमे की वजह से उपचुनाव नहीं हुए हैं।


अभी की स्थिति में बीजेपी के 105 विधायक (एक निर्दलीय सहित), कांग्रेस के 66 विधायक, जेडीएस के 34 विधायक हैं। सदन में एक बीएसपी विधायक, एक नामांकित विधायक और स्पीकर हैं। वोटों की गिनती के लिए सभी जरूरी तैयारियां कर ली गई हैं। पुलिस की तरफ से काउंटिंग सेंटर के पास लोगों का जमावड़ा, कानून व्यवस्था को बिगाड़ने वाली ऐक्टिविटी के लिए आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं।


बात अगर एग्जिट पोल्स की करें तो स्थानीय न्यूज चैनल बीजेपी को 15 सीटों में से 9 से 12 सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं। काउन्टिंग से पहले येदियुरप्पा ने कहा, 'हम अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। लोगों को भी हमसे यही उम्मीद है।' एक तरफ जहां बीजेपी ने जीत का विश्वास जताया है, तो वहीं कांग्रेस और जेडीएस ने उम्मीद जताई है कि अयोग्य ठहराए जाने के बाद अब बीजेपी से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को जनता नकार देगी।


यहां बीजेपी के बहुमत के लिए जरूरी सीटों के नहीं जीत पाने की स्थिति में एक और राजनीतिक ड्रामा देखने को मिल सकता है। नतीजों के बाद की स्थिति को देखते हुए कांग्रेस और जेडीएस के साथ आने की उम्मीद है। कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया के लिए भी उपचुनाव के नतीजे काफी महत्वपूर्ण होंगे, जिन पर अपने हिसाब से प्रत्याशियों को टिकट देने का आरोप लगता रहा है। वहीं जेडीएस के कुमारस्वामी भी अंदरुनी कलह से जूझते नजर आ रहे हैं।


बीजेपी के लिए भी स्थिति चुनौतीपूर्ण होगी। बीजेपी के सामने कैबिनेट विस्तार का काम होगा। अभी फिलहाल बीजेपी सरकार में 18 मंत्री हैं, जिन्हें बढ़ाकर 34 तक किया जा सकता है।