नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के कई इलाकों में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच होम मिनिस्टर अमित शाह ने विपक्षी दलों पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को साफ कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) में कुछ भी गलत नहीं है और कानून को वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता। मुंबई में एक कार्यक्रम में शाह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उनकी पार्टी और सरकार चट्टान की तरह इस कानून के पीछे खड़े हैं। शाह ने दो टूक कहा कि आपको (विपक्षी दलों को) जो राजनीतिक विरोध करना है करो, बीजेपी की मोदी सरकार दृढ़ है। सभी शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी, वे भारत के नागरिक बनेंगे और सम्मान के साथ रहेंगे।
शाह ने कहा कि पूरा विपक्ष ही लोगों के बीच भ्रम फैलाने में जुटा है। इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर से समझाने की कोशिश की है कि नागरिकता कानून का मतलब अल्पसंख्यक वर्ग के किसी भी व्यक्ति से सिटिजनशिप वापस लेना नहीं है। बिल में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है। इस बीच, दिल्ली में जामिया यूनिवर्सिटी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शनों की आग सीलमपुर इलाके तक जा पहुंची है।
गृह मंत्री के अलावा अमेरिका में एक कार्यक्रम में मौजूद डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने भी इस मुद्दे पर भ्रम दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि यह ऐक्ट मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है। राजनाथ सिंह ने कहा, 'हमारी संस्कृति किसी से नफरत करना नहीं सिखाती।' नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता का प्रावधान है।