शिलॉन्ग
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शन के बीच मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने अपने बयान से एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। रॉय ने कहा कि जो लोग 'विभाजनकारी लोकतंत्र' नहीं चाहते हैं, वे उत्तर कोरिया चले जाएं। राज्यपाल इस ट्वीट के जरिए परोक्ष रूप से नए नागरिकता कानून का समर्थन कर रहे थे।
रॉय ने अपने ट्वीट में कहा, 'लोकतंत्र अनिवार्य रूप से विभाजनकारी है। अगर आप इसे नहीं चाहते हैं तो उत्तरी कोरिया चले जाइए।' उन्होंने आगे लिखा, 'विवाद के वर्तमान माहौल में दो बातों को कभी नहीं भूलना चाहिए। एक यह कि देश को कभी धर्म के नाम पर विभाजित किया गया था। दूसरा, लोकतंत्र अनिवार्य रूप से विभाजनकारी है। अगर आप इसे नहीं चाहते तो उत्तर कोरिया चले जाइए।' उत्तर कोरिया में तानाशाह किम जोंग-उन का शासन है।
लाठीचार्ज में पुलिसकर्मी भी हुए घायल
राज्यपाल का यह ट्वीट प्रदर्शनकारियों के राजभवन पहुंचने से कुछ घंटे पहले आया। प्रदर्शनकारियों ने जब सुरक्षा का उल्लंघन करने की कोशिश की, तो उन पर लाठीचार्ज किया गया था, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हाथापाई में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारी राज्यपाल से मांग कर रहे थे कि वह बाहरी लोगों के राज्य में प्रवेश पर अनिवार्य पंजीकरण के लिए प्रस्तावित अध्यादेश को अपनी सहमति दें और साथ ही केंद्र राज्य में इनर लाइन परमिट को लागू करे।
नागरिकता कानून पर दिल्ली पहुंचा विरोध
कानून के विरोध में सुर और तेज
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध अब पूर्वोत्तर से आगे बढ़ते हुए दिल्ली और अन्य शहरों तक जा पहुंचा है। पश्चिम उत्तर प्रदेश, केरल और बंगाल तक में सड़कों पर उतरकर लोगों ने इस नए कानून का विरोध किया। केंद्र सरकार अब तक इस मसले पर लोगों को समझाने में जुटी है, जबकि असम में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) ने आंदोलन को और तेज कर दिया है। हालांकि इस बीच गुवाहाटी में कर्फ्यू में ढील दी गई है। उधर, कोहिमा में नागा स्टूडेंट्स फेडरेशन ने आज छह घंटे के लिए बंद का आह्वान किया है।