राजनीति का खेल पूरी तरह से दो नंबर के पैसे पर टिका है-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत


जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में बढ़ते भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि राजनीति का खेल पूरी तरह से दो नंबर के पैसे पर टिका है। जब तक राजनीतिक दलों को दो नंबर के पैसे की फंडिंग बंद नहीं होगी तक देश में भ्रष्टाचार समाप्त होने की कल्पना करना ही बेमानी है। जोधपुर में शनिवार को राजस्थान हाईकोर्ट के नए भवन के उद्घाटन समारोह में गहलोत ने कहा कि आज बेहतरीन अवसर है, जब यहां देश के राष्ट्रपति, देश के मुख्य न्यायाधीश सहित सुप्रीम कोर्ट के बड़ी संख्या में न्यायाधीश सहित देश के कानून मंत्री यहां उपस्थित है। ऐसे में मेरा सभी से अनुरोध है कि राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता कैसे लाई जा सकती है इस पर विचार किया जाना चाहिये। गहलोत ने कहा कि वे 45 साल से राजनीति में है और अच्छी तरह से जानते है कि राजनीति की शुरुआत कैसे होती है। चुनाव की शुरुआत ही ब्लैकमनी से होती है। ऐसे में ब्लैक मनी लेकर चुनाव जीतने वालों से कैसे उम्मीद की जा सकती है कि वे देश से भ्रष्टाचार को समाप्त करेंगे। राजनीतिक दलों को किस तरह से फंडिंग हो रही है? राजनीतिक दलों को जो भी चंदा मिलता है वह ब्लैक मनी है। गहलोत ने कहा कि मैं किसी एक राजनीतिक दल की बात नहीं कर रहा हूं। सभी दल इसमें शामिल है। इसे देखने की आवश्यकता है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों से आग्रह किया कि वे इस मामले में स्वप्रेरणा से एक अपील कर उसकी सुनवाई करें। लोअर कोर्ट के लिए नए परिसर के पास जमीन देने को तैयार
गहलोत ने कहा कि यहां पर हाईकोर्ट का नया भवन बन जाने से लोअर कोर्ट से उसकी दूरी काफी बढ़ जाएगी। ऐसे में वकीलों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। उनकी इस समस्या का समाधान करने के लिए गहलोत ने कहा कि हाईकोर्ट के नए भवन के समीप ही राज्य सरकार लोअर कोर्ट के लिए जमीन देने को तैयार है। उनकी इस घोषणा का समारोह में मौजूद वकीलों ने कर्तल ध्वनि के साथ स्वागत किया। हड़ताल से तौबा करे वकील
गहलोत ने कहा कि वकीलों में बहुत एकता है और उनकी इस एकता को सलाम है, लेकिन यह कहना चाहूंगा कि वे हड़ताल करना छोड़ दे। बार-बार हड़ताल करने से वकीलों की बदनामी होती है। अपनी एकता अवश्य प्रदर्शित करो, लेकिन तरीके से। ताकि वकीलों का काम भी हो जाए। जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट के वकील एक बैंच जयपुर में स्थापित करने के विरोध में चालीस साल से माह के अंतिम कार्य दिवस को हड़ताल कर रहे है। इसे लेकर गहलोत ने सभी वकीलों से आग्रह किया कि अब बहुत हो चुका है और उन्हें इस हड़ताल को समाप्त करने के बारे में सोचना चाहिये।