सीबीएसई ने कहा, सीटेट प्रश्नपत्र लीक होने के दावे भ्रामक, आधारहीन व अवांछनीय


अजमेर। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सीटेट इकाई ने स्पष्ट किया है कि सीटेट का पेपर लीक नहीं हुआ है। अभ्यर्थी किसी प्रकार की भ्रामक जानकारी पर विश्वास नहीं करें। सीबीएसई की ओर से इस संबंध में शनिवार को एक बयान जारी किया गया।


सीबीएसई ने बयान में कहा है, सीबीएसई के संज्ञान में लाया गया है कि सीटेट परीक्षा दिसंबर 2019 का प्रश्नपत्र कानपुर से लीक हुआ है। इन समाचारों में यह भी दावा किया गया कि कथित प्रश्नपत्र परीक्षा आरंभ होने से डेढ़ घंटा पहले ही लीक होकर वाटसएप्प् पर वायरल हो गया। इन खबरों में लीक प्रश्नपत्र के हू बहू वास्तविक प्रश्न पत्र जैसा होने, एसटीएफ द्वारा साक्ष्य एकत्रित किए जाने एवं कुछ व्यक्तियों को गिरफ्तार किए जाने का दावा तक कर दिया गया।


निदेशक सीटेट अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि इस संबंध में सीबीएसई के प्रतिनिधि ने पुलिस अधीक्षक (एसटीएफ) लखनऊ से इस संबंध में 11 दिसंबर 2019 को भेंट की तथा पुष्टि की है कि प्रश्नपत्र लीक होने की सूचना निराधार है। इस प्रकार कुछ व्यक्तियों, समूहों द्वारा प्रश्नपत्र लीक होने के संबंध में किए गए दावे भ्रामक, आधारहीन व अवांछनीय हैं। त्रिपाठी ने कहा कि अतिरिक्त जन सामान्य व अभ्यर्थियों के ध्यान में लाया जाता है कि वे ऐसी भ्रामक गत खबरों पर विश्वास नहीं करें।


110 शहरों में हुई थी परीक्षा, 28 लाख से अधिक अभ्यर्थी हुए थे पंजीकृत


सीबीएसई द्वारा 8 दिसंबर को अजमेर समेत देश के 110 शहरों में इस परीक्षा का आयोजन किया गया। देशभर में इस परीक्षा के लिए 28 लाख 32 हजार 119 अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें प्रथम पेपर के लिए 16 लाख 46 हजार 619 और द्वितीय पेपर के लिए 11 लाख 85 हजार 500 अभ्यर्थी पंजीकृत किए गए। सीबीएसई ने परीक्षा के सुचारू और निष्पक्ष संचालन के लिए 4012 स्वतंत्र पर्यवेक्षकों और 789 बोर्ड प्रतिनिधियों को लगाया था। इसके अलावा, परीक्षा केंद्रों के साथ समन्वय और विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए 118 शहर समन्वयकों को नियुक्त किया गया था।