तड़के यूपी विधानसभा घेरने पहुंच गए किसान, पुलिस ने लिया ऐक्शन


लखनऊ
राजधानी लखनऊ में बुधवार अल-सुबह उत्तर प्रदेश विधानसभा का घेराव करने पहुंचे किसानों को पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। किसान गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने और पराली जलाने पर दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने की मांग के साथ यहां पहुंचे थे। किसानों के इस प्रदर्शन के मद्देनजर विधानसभा के आसपास पहले से पुख्ता सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। किसानों ने विधानसभा के नजदीक गन्ना जलाकर भी प्रदर्शन किया।


भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के लखनऊ के जिलाध्यक्ष गुरमीत सिंह से एनबीटी ऑनलाइन ने बात की। उन्होंने कहा, 'पिछले तीन वर्षों से गन्ने की कीमतें नहीं बढ़ाई गईं हैं। आज पूरे प्रदेश में किसान भाइयों ने चक्का जाम किया है। हमने विधानसभा के सामने नाराजगी व्यक्त करते हुए गन्ना भी जलाया। यहां पर पहले से पुलिस मौजूद थी। हमारे कई लोगों को देवा के पास, कुछ लोगों को हरदोई के पास रोक लिया गया। लखनऊ में भी तकरीबन ढाई सौ लोग मौजूद थे। प्रदर्शन को देखते हुए सभी को कस्टडी में ले लिया गया था। बाद में सभी को छोड़ दिया गया।'


देवा में किसानों का प्रदर्शन
देवा में भी भारतीय किसान यूनियन के लोगों ने आग जलाकर प्रदर्शन किया। पुलिस ने आनन-फानन सभी को नियंत्रित करने की कोशिश की। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि इस तरह के प्रदर्शन आगे भी तबतक चलते रहेंगे जबतक किसानों की मांगें नहीं मान ली जाती हैं। तकरीबन साढ़े 6 बजे प्रदर्शन खत्म कर दिया।


सरकार से बीकेयू की मांग
गुरमीत सिंह ने कहा, 'किसानों की सिंचाई में प्रयोग होने वाली बिजली का मूल्य में दोगुना एवं खाद, डीजल, कीटनाशक आदि में लगभग 20 प्रतिशत से भी अधिक वृद्धि हुई है। इसकी वजह से गन्ना किसानों को लगातार नुकसान हो रहा है। 2016-17 से 2018-19 तक गन्ने की रिकवरी में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे शुगर मिलों को प्रत्येक क्विंटल गन्ने पर लगभग 90 रुपये का लाभ हुआ है। वर्तमान पेराई सत्र में भी गन्ना मूल्य में कोई वृद्धि की नहीं की गई है। वर्तमान में गन्ना किसानों की उत्पादन लागत 300 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक है। सरकार के वायदे के अनुसार गन्ना किसानों को स्वामीनाथन कमिटी के अनुसार लागत में 50 प्रतिशत जोड़कर गन्ना मूल्य की घोषणा की जानी चाहिए।'


आंदोलन की दी चेतावनी
बीकेयू के जिलाध्यक्ष गुरमीत सिंह ने कहा, 'वर्तमान पेराई सत्र हेतु गन्ने का मूल्य 450 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया जाए। इसके साथ ही अन्य मांगों पर भी विचार किया जाए। ऐसा न होने पर भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर 21 दिसंबर को प्रदेश भर के सभी किसान जिला मुख्यालयों पर इकट्ठा होकर हल क्रांति आंदोलन के माध्यम से संघर्ष करेंगे।'