अजमेर। महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 808वां सालाना उर्स चांद दिखाई देने पर 23 या 24 फरवरी से शुरू होगा। इससे पहले दरगाह के बुलंद दरवाजे पर 19 या 20 फरवरी को उर्स का झंडा फहराया जाएगा। दरगाह नाजिम की ओर से जारी किए गए कार्यक्रम में यह जानकारी दी गई है।
ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में इस साल 808 वां उर्स शानो शौकत के साथ मनाया जाएगा। दरगाह कमेटी ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। नाजिम शकील अहमद के अनुसार हिजरी संवत के जमादी उस्सानी महीने की 25 तारीख को बुलंद दरवाजे पर परंपरा के अनुसार सालाना उर्स का झंडा चढ़ाया जाएगा।
इस बार चांद की 25 तारीख 19 या 20 फरवरी को आएगी। परंपरा के अनुसार उर्स की नमाज के बाद दरगाह गेस्ट हाउस से झंडे का जुलूस शुरू होगा। कव्वालियों के साथ यह जुलूस रवाना होगा। लंगर खाना गली, नला बाजार और दरगाह बाजार से होते हुए यह झंडा रोशनी के वक्त से पूर्व बुलंद दरवाजे पर ले जाया जाएगा।
वहां इसे चढ़ा दिया जाएगा और इसके साथ ही सालाना उर्स की रस्मों की शुरुआत हो जाएगी। चांद की 29 तारीख यानी 23 या 24 फरवरी को सुबह 4:30 बजे जन्नती दरवाजा खोल दिया जाएगा। यदि रजब महीने का चांद शाम को दिख जाता है तो ये दरवाजा खुला रहेगा, अन्यथा इसे मामूल कर दिया जाएगा। अगले दिन फिर खोला जाएगा।
इसके बाद यह रजब की 6 तारीख तक खुला रहेगा। रजब महीने का चांद नजर आने पर उर्स की महफिल शुरू हो जाएंगी। यह महफिल दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन की सदारत में महफिल खाना में होगी। मध्य रात्रि से मजार शरीफ को गुसल (स्नान) देने का सिलसिला शुरू होगा।
रजब की 5 तारीख तक रात में यह आयोजन होंगे। इसके बाद रजब कि 6 तारीख को यानी एक या 2 मार्च को छोटा कुल होगा। दरगाह के महफिल खाने में सुबह 9:30 बजे से 11:00 बजे तक कुरान खानी होगी ।11:15 बजे से कुल की महफिल शुरू होगी।
इसके बाद दरगाह दीवान कुल की रस्म अदा करने के लिए जन्नती दरवाजे से होते हुए आस्ताना शरीफ पहुंचेंगे। यहां दीवान के जन्नती दरवाजे में दाखिल होते ही जन्नती दरवाजा बंद कर दिया जाएगा । तोप के गोले दागे जाएंगे, शादियाने बजाए जाएंगे।
इधर, देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले कलंदर और मलंग दागोल की रस्म अदा करेंगे। चार या पांच मार्च को बड़ा कुल की रस्म होगी। दरगाह शरीफ को गुलाब जल और केवड़े से धोया जाएगा। बड़े कुल के साथ ही उर्स का समापन हो जाएगा। दरगाह कमेटी की ओर से सालाना उर्स को देखते हुए दरगाह में तैयारियां जारी हैं। रंग रोगन कराया जा रहा है। इसके साथ ही अन्य इंतजाम भी अंजाम दिए जा रहे हैं।