अफजल गुरु की बरसी पर कश्मीर में रही तनावपूर्ण शांति, कड़ी सुरक्षा के बीच इंटरनेट पर रोक- दो पत्रकारों को पुलिस ने किया तलब


श्रीनगर
2001 में संसद भवन पर हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरु की सातवीं बरसी पर कानून व्यवस्था की किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर कश्मीर घाटी में प्रशासन ने रविवार को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी। अधिकारियों ने बताया कि रविवार तड़के मोबाइल इंटरनेट सेवा सेवाएं स्थगित कर दी गयीं क्योंकि प्रशासन को पृथकतावादी संगठनों के बंद आह्वान के मद्देनजर घाटी में हिंसा होने की आशंका थी। गुरु को संसद पर दिसंबर, 2001 में हुए हमले के केस में दोषी पाए जाने के बाद फांसी दे दी गई थी।


इससे पहले प्रशासन ने 25 जनवरी को कश्मीर में टू जी इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी थी। पांच महीने से भी अधिक समय पहले पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाये जाने के बाद से घाटी में सभी संचार सुविधाएं बंद कर दी गयी थीं। पुलिस ने अफजल गुरु की बरसी पर हड़ताल का आह्वान करने को लेकर प्रतिबंधित जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के खिलाफ शनिवार को प्राथमिकी दर्ज की थी।

दो पत्रकारों को पुलिस ने किया तलब
जेकेएलएफ की प्रेस विज्ञप्ति को खबर बनाने को लेकर दो पत्रकारों को पुलिस ने तलब किया था। जेकेएलएफ ने रविवार और मंगलवार को हड़ताल का आह्वान किया था। मंगलवार को जेकेएलएफ के संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट की बरसी है। दोनों पत्रकारों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। मकबूल भट्ट को 1984 में फांसी पर चढ़ा दिया गया था और उसके शव को तिहाड़ जेल के अंदर ही दफना दिया गया था।


कश्मीर में जनजीवन प्रभावित
अधिकारियों ने बताया कि इस बीच, हड़ताल के चलते कश्मीर में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। उन्होंने बताया कि बाजार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सड़कों पर सार्वजनिक वाहन बहुत कम ही नजर आये। घाटी में कहीं से भी अब तक किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।