डॉ. धर्मपाल जारोली बने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के नए अध्यक्ष, बोले परीक्षाओं का पारदर्शिता से संचालन पहली प्राथमिकता


अजमेर। डॉक्टर धर्मपाल जारोली राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के नए अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। राज्यपाल की ओर से सोमवार को उनकी नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए। डॉक्टर जारोली मंगलवार को बोर्ड चेयरमैन का पद संभालेंगे। सवा साल से यह पद खाली था। 


डॉक्टर जारौली राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के जूलॉजी विभाग से सेवानिवृत्त हैं। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए की गई है। वर्ष 2018 अक्टूबर से ही बोर्ड में अध्यक्ष पद पर नियुक्ति नहीं हुई थी। तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष प्रोफेसर बीएल चौधरी का कार्यकाल पूरा होने के बाद सरकार ने यहां किसी को नियुक्त नहीं किया था। निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर ही बोर्ड अध्यक्ष का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे थे। वर्तमान में सौरभ स्वामी बोर्ड के प्रशासक थे।


बोर्ड परीक्षा बड़ी चुनौती


राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की परीक्षाएं पांच मार्च से शुरू होने जा रही हैं। इसके बाद 12 मार्च से कक्षा दसवीं की परीक्षाएं शुरू होंगी। इन परीक्षाओं में 20.64 लाख परीक्षार्थी बैठेंगे। इन परीक्षाओं का सफल आयोजन बोर्ड अध्यक्ष के समक्ष बड़ी चुनौती है। इसके बाद अगस्त में रीट परीक्षा का आयोजन होगा।


बोर्ड परीक्षाओं का ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ सुचारू रूप से संचालन कराना पहली प्राथमिकता 
नियुक्ति के बाद धर्मपाल जारोली ने कहा, पांच मार्च से शुरू होने वाली राजस्थान बोर्ड की परीक्षाओं का पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ सुचारू रूप से संचालन करना उनकी प्राथमिकता होगी। परीक्षाएं सही समय पर हो जाएं और परिणाम भी सही समय पर आ जाएं।


धर्मपाल ने कहा कि पूरे प्रदेश में करीब एक महीने तक इन परीक्षाओं का आयोजन होगा। यह परीक्षाएं बोर्ड के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती हैं। 20 लाख से अधिक बच्चे इन परीक्षाओं में बैठने जा रहे हैं। धर्मपाल ने कहा कि उनका अगला प्रयास यही होगा कि परीक्षाओं के परिणाम सही समय पर घोषित करवा दिए जाएं, ताकि बच्चों को आगे की पढ़ाई में एडमिशन लेने में कहीं दिक्कत ना हो।


निरोगी राजस्थान को शामिल कर सकते हैं दसवीं के पाठ्यक्रम में
जारोली ने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा चलाए जा रहे निरोगी राजस्थान अभियान को वे राजस्थान बोर्ड के दसवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रयास करेंगे। इसके माध्यम से बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा।


परीक्षा आयोजनों का लंबा अनुभव रहा है
बोर्ड अध्यक्ष जारोली ने बताया कि वर्ष 2000 में प्री होम्योपैथी और 2001 में प्री आयुर्वेद के आयोजन उन्होंने कराए। पूरे प्रदेश भर में इनके परीक्षा केंद्र रहे थे। 2010- 11 में यूजीसी नेट का सफल आयोजन जयपुर में कराया। 28 परीक्षा केंद्रों पर यह परीक्षा हुई थी।


चित्तौड़गढ़ के रहने वाले हैं डॉक्टर जारोली
चित्तौड़गढ़ के आने वाले हैं। उन्होंने उदयपुर में शिक्षा प्राप्त की। दो वर्ष तक उदयपुर के सुखाड़िया विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दीं। इसके बाद करीब 30 साल वे राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर में जूलॉजी के प्रोफेसर रहे। लास्ट में पर्यावरण विभाग के निदेशक के पद से वे सेवानिवृत्त हुए। महाराजा कॉलेज में भी उन्होंने अध्यापन का कार्य किया। राजस्थान विश्वविद्यालय की विभिन्न कमेटियों में वे रहे हैं।