जहाज में हुई थी मुलायम से भेंट, समाजवादी सत्ता के सूत्रधार से विवादों तक...ऐसा रहा है अमर का सफर


लखनऊ
एक जमाने में यूपी की सत्ता के 'अर्थ और नागरिक शास्त्र' के चाणक्य कहे जाने वाले अमर सिंह भले ही अब सक्रिय राजनीति में ना हों, लेकिन उनके बयान अक्सर सुर्खियों की वजह बनते रहे हैं। सिंगापुर के अस्पताल में इलाज करा रहे अमर सिंह ने मंगलवार को अपने एक ट्वीट में लिखा कि वह जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं। सिंह भले ही आज सत्ता के मुख्य ध्रुव से दूर हों, लेकिन एक जमाने में यूपी की राजनीति के नीति निर्धारण में उनका दखल आज भी लोगों के बीच जाना जाता है। समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा जाने वाले अमर सिंह एक जमाने में सिर्फ एसपी ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की सत्ता के सबसे बड़े प्रबंधक कहे जाते थे।


90 के दशक में मुलायम सिंह के संपर्क में आने वाले अमर सिंह को देश के नामचीन उद्योगपतियों में गिना जाता है, पर उनकी असल पहचान राजनीति के किंगमेकर के रूप में होती है। समाजवादी पार्टी के संरक्षक और पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव को सीएम की कुर्सी तक पहुंचाने वाले अमर सिंह 90 के दशक से ही यूपी के पावरफुल राजनीतिक चेहरों के रूप में जाने जाते थे। मुलायम सिंह यादव के सबसे करीबी रहे अमर सिंह एक समय समाजवादी पार्टी की नंबर दो पोजिशन के नेता रह चुके हैं। अमर की सियासत का रसूख यह था कि एक जमाने में उन्होंने अमिताभ बच्चन की पत्नी जया बच्चन से लेकर तमाम बड़े चेहरों को समाजवादी पार्टी के झंडे के नीचे खड़ा करा लिया था।


अमर सिंह से मुलायम की मुलाकात तब हुई जब मुलायम सिंह यादव देश के रक्षामंत्री थे। साल 1996 में अमर सिंह और मुलायम सिंह एक जहाज में मिले थे। हालांकि अनौपचारिक तौर पर मुलायम और अमर की मुलाकात पहले भी हुई थी, लेकिन राजनीतिक जानकार कहते हैं कि फ्लाइट की उस मीटिंग के बाद से ही अमर और मुलायम की नजदीकियां बढ़ी थीं। बड़े उद्योगपति और पूर्वांचल के रसूखदार ठाकुर नेता के रूप में पहचाने जाने वाले अमर सिंह कुछ सालों में मुलायम सिंह के इतने खास बन गए कि उन्हें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद पर बैठा दिया गया। राजनीतिक जानकार कहतें है कि साल 2000 के आसपास अमर सिंह का समाजवादी पार्टी में दखल बढ़ा और टिकटों के बंटवारे से लेकर पार्टी के कई बड़े फैसलों में उन्होंने मुलायम के साथ प्रमुख भूमिका निभाई। 


यूपीए-वन के लिए की थी लॉबिंग
साल 2004 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो बैकडोर से एसपी कई फैसलों में उसके साथ खड़ी रही। कहा जाता है कि यूपीए कार्यकाल के दौरान कांग्रेस को कई फैसलों में जब भी संकट का ए हसास हुआ, मनमोहन सिंह की सरकार ने एसपी से मदद मांगी। संसद की इस लॉबिंग में अमर सिंह प्रमुख भूमिका में रहे। बड़ी बात यह कि यूपीए कार्यकाल के दौरान सिविल न्यूक्लियर डील के फैसले के दौरान 'कैश फॉर वोट' जैसे बड़े मामलों में अमर सिंह का नाम भी आया। हालांकि बाद में अमर इन आरोपों से बरी हो गए।


वीर बहादुर सिंह के जरिए मुलायम से हुई भेंट
आजमगढ़ के तरवा इलाके में 27 जनवरी 1956 को जन्मे अमर सिंह पूर्वांचल के 'बाबू साहब' कहे जाते रहे हैं। ठाकुर वोटरों के बीच एक बड़े नेता के रूप में प्रशस्त हुए अमर ने भले ही अपना लंबा जीवन महाराष्ट्र के मुंबई शहर में बिताया हो, लेकिन पूर्वांचल की सियासत में अमर का दखल इस बात से ही सिद्ध था कि वह 90 के दशक में यहां के रसूखदार वीर बहादुर सिंह और चंद्रशेखर जैसे नेताओं के सबसे करीबी लोगों में एक कहे जाते थे। वीर बहादुर सिंह के कारण ही अमर सिंह की भेंट मुलायम सिंह यादव से हुई थी।


बनाया था राष्ट्रीय लोकमंच
दो दशक तक पूर्वांचल की सियासत में बड़ी भूमिका निभाने वाले अमर को जब साल 2010 में समाजवादी पार्टी से निष्कासित किया गया तो उन्होंने पू्र्वांचल को अलग राज्य घोषित करने की मांग के साथ अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोकमंच का गठन किया। लोकमंच ने आजमगढ़ समेत पूर्वांचल के कई जिलों में बड़ी सभाएं भी की, लेकिन कोई खास असर नहीं दिखा सकी।

आजम खान और अमर सिंह के तल्ख रिश्ते
अमर सिंह के समाजवादी पार्टी से दूर होने की वजह एसपी के बड़े नेता आजम खान बने। आजम खान के बढ़ते रसूख ने अमर सिंह को समाजवादी राजनीति के हाशिये पर खड़ा किया। 2010 में आजम खान के बढ़ते प्रभाव के बीच ही मुलायम सिंह ने अमर सिंह को समाजवादी पार्टी से बाहर कर दिया। इसके बाद कुछ वक्त अमर राजनीति से दूर रहे। हालांकि साल 2016 में जब अमर सिंह को फिर राज्यसभा का सांसद बनाने का मौका आया तो उनके निर्दलीय प्रत्याशी होने के बावजूद एसपी ने उनका समर्थन कर उन्हें राज्यसभा भेजा। हालांकि इसके बावजूद कई मौकों पर एसपी नेता आजम खान और राज्यसभा सांसद अमर सिंह एक दूसरे के खिलाफ तमाम तल्ख बयान देते रहे।


अखिलेश ने कहा था बाहरी व्यक्ति
मुलायम सिंह से अमर सिंह की इस करीबी के बावजूद एक वक्त वह भी आया, जब अमर सिंह पर मुलायम परिवार को तोड़ने का आरोप भी लगा। मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव ने ही अमर सिंह पर आरोप लगाया कि वह उनके परिवार को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। अखिलेश ने अमर सिंह को बाहरी व्यक्ति बताकर उनकी तमाम बार आलोचनाएं भी की। वहीं अमर भी कई मौकों पर अखिलेश यादव पर उनका अपमान करने का आरोप लगाते रहे।