जस्टिस धर्माधिकारी ने कहा, 'मैंने पूरी तरह से व्यक्तिगत और पारिवारिक मुद्दों के कारण इस्तीफा दिया। मैं मुंबई नहीं छोड़ना चाहता था और वे मुझे मुंबई हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में प्रमोट करने को तैयार नहीं थे।' जस्टिस धर्माधिकारी ने कहा कि उन्होंने गुरुवार शाम अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेज दिया। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि उनका इस्तीफा स्वीकार हुआ है या नहीं लेकिन जस्टिस धर्माधिकारी ने शुक्रवार को अदालत में वकीलों से कहा कि यह कार्यालय में उनका आखिरी दिन है और वह 17 फरवरी (सोमवार) से उपलब्ध नहीं रहेंगे। 'महाराष्ट्र से बाहर ट्रांसफर नहीं चाहता' आपको बता दें कि जस्टिस धर्माधिकारी दो साल बाद रिटायर होने वाले थे। जस्टिस धर्माधिकारी ने कहा, 'मुंबई में मेरी कुछ व्यक्तिगत जिम्मेदारियां हैं, यही वजह है कि मैं महाराष्ट्र से बाहर ट्रांसफर नहीं चाहता था।' इससे पहले सुबह जब अधिवक्ता मैथ्यु नेदमपारा ने एक याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए अदालत से अगले हफ्ते की तारीख मांगी, तब जस्टिस धर्माधिकारी ने इस्तीफा देने संबंधी घोषणा की। जस्टिस धर्माधिकारी ने अदालत में कहा, 'मैंने इस्तीफा दे दिया है, आज यहां मेरा अंतिम दिन है।' ऐडवोकेट नेदमपारा ने बाद में कहा, 'जब न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है तो शुरुआत में मुझे लगा कि ऐसा उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा है। वह एक वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और इस्तीफा देने की उनकी बात सुनकर धक्का सा लगा।' गौरतलब है कि जस्टिस धर्माधिकारी को 14 नवंबर 2003 को बॉम्बे हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और वह 2022 में रिटायर होने वाले थे।


लंदन
शराब कारोबारी विजय माल्या ने दावा किया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछले चार साल में उसके साथ अनुचित बर्ताव किया है। किंगफिशर एयरलाइन्स के पूर्व बॉस माल्या (64) 9000 करोड़ रुपये के कथित धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में भारत के प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ अपील कर रहा है। माल्या के वकीलों ने इस सप्ताह ब्रिटिश हाई कोर्ट में कहा कि वह विमानन उद्योग पर आई विपत्ति का शिकार रहा है और एयरलाइन, जो अब बंद हो चुकी है, के लिए कर्ज मांगने के पीछे उसका कोई छल-कपट का इरादा नहीं था।


मैंने PMLA के तहत कोई अपराध नहीं किया है'
भारतीय अधिकारियों की ओर से पक्ष रख रही क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने दावों का खंडन करते हुए कहा कि माल्या के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है जिसमें उसे भारत की अदालतों में जवाब देना है। माल्या ने गुरुवार को लंदन में रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में तीन दिन से अपील पर चल रही सुनवाई के अंत में संवाददाताओं से कहा, 'प्रवर्तन निदेशालय ने बैंकों की शिकायत पर संपत्तियों को कुर्क कर लिया कि मैं उनका भुगतान नहीं कर रहा। मैंने पीएमएलए के तहत ऐसा कोई अपराध नहीं किया है कि प्रवर्तन निदेशालय स्वत: संज्ञान लेते हुए मेरी संपत्तियों को कुर्क कर ले।'


बैंक और ईडी आपस में झगड़ रहे हैं- माल्या
माल्या ने कहा, 'मैं कह रहा हूं कि बैंक कृपया अपना पैसा वापस लें। ईडी कह रही है, नहीं, हमारा इन संपत्तियों पर दावा है। इसलिए एक तरफ ईडी और दूसरी तरफ बैंक एक ही संपत्ति पर लड़ रही हैं। वे मेरे साथ चार साल से जो कर रहे हैं, वो पूरी तरह अनुचित है।'

मूलधन देने के लिए आज भी तैयार- माल्या
इस सप्ताह ईडी और सीबीआई के प्रतिनिधि अदालत में उपस्थित थे। उन्होंने मंगलवार को शुरू होकर गुरुवार को समाप्त हुईं अपीलों पर सुनवाई के दौरान नोट्स बनाए। माल्या ने भारतीय बैंकों से उनका शत प्रतिशत मूल धन लेने के अपने संदेश को देहराया। उसने इस बात पर जोर दिया कि ऋण उसने नहीं, बल्कि किंगफिशर एयरलाइन्स ने लिया था। उसने कहा, 'मैं बैंकों से हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूं कि अपना शत प्रतिशत मूल धन तत्काल वापस ले लें। मैं अपनी गारंटी का सम्मान करूंगा और उन्हें पूरा भुगतान करुंगा। मैं मूलधन में कोई छूट नहीं चाहता।'