केजरीवाल ने शपथ लेते ही कहा- 'मरीजों से पैसे लूं तो मुझपर लानत'


नई दिल्ली
अरविंद केजरीवाल ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले भाषण में उन लोगों को भी जवाब दिया जिन्होंने उन पर 'मुफ्त' की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रकृति हमें सबकुछ मुफ्त ही देती है। केजरीवाल ने शपथ ग्रहण के बाद संबोधन की अपनी परंपरा कायम रखी और कहा कि अगर सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों और अस्पतालों में मरीजों से पैसे वसूलना किसी लानत से कम नहीं। उन्होंने कहा कि उनका दिल्ली की जनता से प्यार है, इसलिए कुछ सुविधाएं फ्री कर दी गई हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं सोच रहा था कि क्या मैं सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से फीस लेना शुरू कर दूं? लानता है ऐसे सीएम के ऊपर। मैं अपने अस्पतालों इलाज कराने वाले लोगों से दवाइयों के पैसे लेने शुरू कर दूं? मैं अपने अस्पतालों में आने वाले मरीजों से ऑपरेशन के पैसे लेने शुरू कर दूं? जांच के पैसे लेने शुरू कर दूं? लानत है मेरी जिंदगी के ऊपर, अगर ऐसा करता हूं तो।' 


दिल्ली के सीएम ने कहा, 'कुछ लोग कहते हैं कि केजरीवाल सबकुछ फ्री करता जा रहा है। दोस्तो, इस दुनिया के अंदर जितनी भी अनमोल चीजें हैं, भगवान ने सारी फ्री बनाई हैं। मां जब अपने बच्चे को प्यार करती है तो वो प्यार फ्री होता है। बाप जब बच्चे को आगे बढ़ाने के लिए एक वक्ती की रोटी नहीं खाता तो उस बाप की तपस्या फ्री होती है।'

केजरीवाल ने श्रवण कुमार का उदाहरण देते हुए कहा, 'श्रवण कुमार जब अपने मां-बाप को तीर्थ यात्रा पर लेकर गया था और श्रवण कुमार जी की मौत हो गई। श्रवण कुमार की सेवा भी फ्री सेवा थी।' उन्होंने कहा, 'केजरीवाल अपने दिल्ली वालों को प्यार करता है। दिल्ली वाले अपने केजरीवाल को प्यार करते हैं। ये प्यार भी फ्री प्यार है दोस्तो, इसकी कोई कीमत नहीं है।'


गौरतलब है कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में हर दिन 20 हजार लीटर तक पानी, 200 यूनिट बिजली और महिलाओं के लिए डीटीसी बस यात्रा मुफ्त कर रखी है। केजरीवाल के विरोधियों का आरोप है कि दिल्ली सरकार जनता को मुफ्तखोरी की लत लगा रही है। वहीं, दिल्ली सरकार लगातार कहती रही है कि बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतें सबको मुहैया होनी चाहिए, वह चाहे अमरी हो या गरीब। केजरीवाल ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर भी अपनी यही दलील दोहराई। 

दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम में अरविंद केजरीवाल का पताका लहराया तो विरोधियों ने इसे 'फ्री-फ्री-फ्री' योजनाओं की जीत बता दी। खासकर बीजेपी के समर्थकों ने तो सोशल मीडिया पर जमकर प्रचार किया कि यह जीत केजरीवाल सरकार के अच्छे शासन की वजह से नहीं, बल्कि मुफ्त में बांटी गई बिजली, पानी के कारण मिली।