जयपुर. शहर में शनिवार को ऑनलाइन ठगी के तीन मामले सामने आए। जिसमें एक युवक को ओएलएक्स पर साइकिल बेचना महंगा पड़ गया। 1500 रुपए में साइकिल बेचने के चक्कर में उसके खाते से 20 हजार रुपए निकाल लिए गए। वहीं दूसरे मामले में कैंसेल ऑर्डर का रिफंड लेना महंगा पड़ गया। जिसमें पीड़ित के खाते से करीब 50 हजार रुपए निकल गए। साथ ही तीसरे मामले में युवक के साथ ईएमआई कार्ड को अपडेट कराने के नाम पर 44,999 रुपए की ठगी की गई।
पहला मामला- ओएलएक्स पर साइकिल बेचने के चक्कर में हुई ठगी
जांच अधिकारी बनवारी लाल ने बताया कि परिवादी के बेटे ने ओएलएक्स पर साइकिल बेचने का विज्ञापन डाला था। 4 फरवरी को ठग ने फोन कर 1500 रुपए में साइकिल खरीदने की इच्छा जताई और ऑनलाइन पेमेंट का झांसा दिया। इस दरम्यान उसने वाट्सएप पर पेटीएम क्यू आर कोड भेजा। जिसे स्कैन करवाकर ओटीपी नंबर पूछे। ओटीपी नंबर प्राप्त कर बदमाशन पीड़ित के बैंक खाते से 20 हजार रुपए निकाल लिए। रुपए निकासी के मैसेज देखकर उसने बदमाश से संपर्क किया तो वह रुपए लौटाने का झांसा देता रहा। काफी दिन बाद भी रुपए नहीं मिले तो पीड़ित ने मामला दर्ज करवाया है।
दूसरा मामला- कैंसेल ऑर्डर का रिफंड लेने में 50 हजार रुपए गंवाए
दूसरे मामले में सोढ़ाला थाना इलाके में एक युवक को कैंसेल ऑर्डर का रिफंड लेने के दौरान ठगी की शिकार हो गया। ठग ने रिफंड के लिए गूगल पे अकाउंट बनावाकर एक लिंक भेजा, जिसमें बैंक खाते संबंधी जानकारी मांगी गई थी। यह जानकारी देते ही उसके खाते से दस ट्रांजेक्शन के जरिए 50 हजार रुपए निकल गए। इस संबंध में लक्ष्मी नगर हटवाड़ा निवासी विजय शंकर शर्मा ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
पुलिस के अनुसार 15 फरवरी को परिवादी ने ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर एक ऑर्डर बुक करवाया था। अगले दिन उसे ऑर्डर कैंसेल होने का मैसेज मिला था। जिसके बाद उसने कस्टमर केयर नंबर पर संपर्क किया। तो उसे रिफंड के लिए गूगल पे अकाउंट बनाने का झांसा दिया गया। अकाउंट बनाने के बाद बदमाश ने उसे एक लिंक भेजा। जिसके जरिए पीड़ित के खाते से बदमाश ने रुपए निकाले है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
तीसरा मामला- ईएमआई कार्ड अपडेट का झांसा देकर पिन नंबर पूछे, 45 हजार का लोन लेकर शॉपिंग की, 7500 कि किस्ते बनाई
तीसरे मामले में गायत्रीनगर निवासी विक्रम तेजी ने कोर्ट इस्तगासे से बजाज फाइनेंसर अग्रसेन सर्किल सुभाष मार्ग सी-स्कीम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई है। पुलिस ने बताया कि परिवादी के पास अप्रेल 2018 में अनजान नंबर से फोन आया था। जिसने खुद को बजाज ईएमआई कार्ड प्रतिनिधि बताया और कार्ड अपडेट का झांसा देकर छह अंकों का पिन नंबर पूछ लिया। इसके बाद पीड़ित के पास बजाज फिनसर्व का मैसेज आया। जिसमें उसके कार्ड पर 44,999 रुपए का लोन लेकर फिलिप कार्ड में शॉपिंग की गई। इसक अलावा 7500 रुपए की 6 किस्त भी बना दी गई। जबकि परिवादी ने किसी तरह के लोन के लिए आवेदन नहीं किया था। कार्ड का दुरूपयोग कर ठगी की गई है। जिसकी जांच चल रही है।