जयपुर. सीएए, एनसीआर और एनपीआर को लेकर मुस्लिम व अन्य संगठनों द्वारा गर्वनमेंट हॉस्टल स्थित शहीद स्मारक पर दिया जा रहा धरना चौथे दिन सोमवार को जारी रहा। इस धरने में सैंकड़ों की संख्या में महिलाएं और युवक, बुजुर्ग हिस्सा ले रहे हैं। इस धरने को विभिन्न समाज के प्रतिनिधि भी शहीद स्मारक पर पहुंचकर अपना समर्थन दे रहे हैं।
धरनास्थल पर मौजूद ज्वाइंट एक्शन फोरम के कन्वीनर हाफिज मंजूर अली खान ने शांतिपूर्वक चल रहे विरोध प्रदर्शन में मौजूद लोगों से केंद्र सरकार द्वारा लाए गए काले कानून सीएए, एनसीआर व एनपीआर के बारे में बताते हुए आह्वान किया कि वे ऐसे किसी काले कानून को नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि देश के संविधान लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूती देते हुए अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन करें।
शाहीन बाग, नई दिल्ली में चल रहे धरने के समर्थन और केंद्र सरकार द्वारा पारित इन कानूनों के खिलाफ यह धरना 31 जनवरी से शहीद स्मारक पर शुरू हुआ था। इसमें रविवार को भारी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया। पुलवामा शहीदों को 110 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद करने वाले मुंबई के साइंटिस्ट मुर्तजा जावेद के अलावा राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील, धर्मेंद्र आचरा, अंबेडकर वेलफेयर सोसायटी के महासचिव अनिल गोठवाल व मेघवाल महासभा के प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर सेवार्थी ने भी धरने को समर्थन दिया।
इसके अलावा असम व अन्य स्थानों से आए लोगों ने भी धरनास्थल पर मौजूद लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वे हर स्तर पर काले कानून का विरोध करेंगे और देश के टुकड़े नहीं होने देंगे। इन्होंने सभी समाजों की एकजुटता पर जोर दिया। धरनास्थल पर राजपूत सेवादल के संजय सिंह, जमायत-ए-इस्लामी हिंद के प्रदेशाध्यक्ष मुहम्मद नजीमुद्दीन, सचिव नईम रब्बानी, जमीयत उलमा ए हिंद के जयपुर सचिव मुफ्ती शफीक अहमद, मुफ्ती अखलाफ अहमद, मुस्लिम महासभा के साहिबे आलम ने भी संकल्प दोहराया कि वे देश की शान पर कोई आंच नहीं आने देंगे।