शाहीन बाग: प्रदर्शकारियों में मतभेद, एक गुट ने रास्ता खोला दूसरे ने दोबारा बंद किया


नई दिल्ली
दिल्ली के शाहीन बाग में शनिवार शाम को करीब दो महीने बाद नोएडा-फरीदाबाद को जोड़ने वाली सड़क खुल गई, लेकिन कुछ देर बाद ही यह दोबारा बंद हो गई। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों का एक ग्रुप रोड नंबर 9 से हट गए, जिसके बाद यहां से आवाजाही शुरू हो गई। कुछ ही देर बाद प्रदर्शनकारियों के दूसरे ग्रुप ने आकर रोड को दोबारा बंद कर दिया।


डीसीपी साउथ ईस्ट नेबताया, 'प्रदर्शकारियों के एक गुट ने रोड नंबर 9 को खोल दिया था। लेकिन कुछ देर बाद ही दूसरे ग्रुप ने दोबारा से रोड को बंद कर दिया। प्रदर्शकारियों के बीच खींचतान जारी है, अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।

'आपने माग्र नहीं खोला तो हम आपकी मदद नहीं कर पाएंगे'
इससे पहले लगातार चौथे दिन शनिवार सुबह वार्ताकार रामचंद्रन यहां पहुंचीं और उन्होंने प्रदर्शनकारियों को रास्ता खोलने के लिए समझाया। प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकार के समक्ष सात मांगे रखते हुए कहा कि जब तक सीएए वापस नहीं लिया जाता, तब तक रास्ते को खाली नहीं किया जाएगा। सुबह 10.30 बजे यहां पहुंची साधना रामचंद्रन ने कहा, ‘यदि मार्ग नहीं खुला तो हम आपकी मदद नहीं कर पाएंगे। हम प्रदर्शन खत्म करने को नहीं कह रहे हैं।’


प्रदर्शनकारी वार्ताकारों की अपील का खंडन कर दिया
उन्होंने कहा, ‘मैं यहां सरकार की ओर से नहीं आई हूं। हम सुप्रीम कोर्ट से कहेंगे की आपको सुरक्षा दी जाए। आपको एक पार्क दे दिया जाएगा, जहां पर आप प्रदर्शन को जारी रख सकते हैं।’

हालांकि, वार्ताकार की इस बात का सभी प्रदर्शनकारियों ने एक स्वर में खंडन कर दिया और उनके समक्ष सात मांगे रखीं। प्रदर्शनकारियों ने कहा, ‘हमारी मांग है कि यदि आधी सड़क खुलती है तो सुरक्षा और एल्युमिनियम शीट चाहिए। साथ ही शाहीनबाग के लोगों और जामिया के विद्यार्थियों पर दर्ज किए गए मुकदमें वापस लिए जाने चाहिए।’

प्रदर्शनकारी की मांग NPR नहीं हो लागू
प्रदर्शनकारियों ने आगे की मांग रखते हुए कहा, ‘राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लागू नहीं किया जाए। केंद्रीय मंत्रियों के विवादित बयानों पर कार्रवाई होनी चाहिए। आंदोलन में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा राशि दी जानी चाहिए व प्रदर्शन के दौरान घायल हुए लोगों के इलाज का खर्च सरकार वहन करे। हमें दिल्ली पुलिस पर भरोसा नहीं है, सुप्रीम कोर्ट हमारी सुरक्षा को लेकर आश्वासन दे।’

वार्ताकार साधना ने प्रदर्शन स्थल से निकलते समय पत्रकारों से कहा, ‘यहां आने को लेकर मैं वकील संजय हेगड़े से बात करुंगी। जाहिर है 70 दिनों से सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है और जिसकी वजह से जिस रास्ते पर प्रदर्शन हो रहा है उससे आस पास के लोगों को दिक्कत हो रही है।’


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