बैंक संकट संकट पर बोले पी. चिदंबरम, मोदी सरकार की नोटबंदी ने बैंकों की हालत बिगाड़ दी


नई दिल्ली
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने यस बैंक संकट को लेकर शुक्रवार को मोदी सरकार पर निशाना साधा है। चिदंबरम ने दावा किया कि यह वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित एवं विनियमित करने की सरकार की क्षमता को दिखाता है। बता दें कि यस बैंक की हालत इतनी खराब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने यस बैंक से पैसे निकालने की सीमा तक तय कर दी है।


यस बैंक के ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने यस बैंक से प्रति अकाउंट 50 हजार रुपए तक की निकासी तय कर दी है। यस बैंक के संकट के दौर से गुजर रहा है। यहां तक कि दिन के कारोबार के दौरान यस बैंक के शेयर 50 फीसदी तक गिर गए।


पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने दावा किया, 'बीजेपी 6 साल से सत्ता में है। वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित और विनियमित करने की उनकी क्षमता उजागर होती जा रही है।' उन्होंने सवाल किया, 'पहले पीएमसी बैंक, अब यस बैंक। क्या सरकार बिल्कुल भी चिंतित नहीं है? क्या वह अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं? क्या अब कतार में कोई तीसरा बैंक है?' 


चिदंबरम ने ट्वीट किया है, क्या यह सही है कि एसबीआई, यस बैंक में 'निवेश के अवसर तलाश रही है?' एसबीआई को यस बैंक में निवेश क्यों करना चाहिए? चिदंबरम ने एक दूसरे ट्वीट में कहा, 'एसबीआई को एक रुपये में यस बैंक की ऋण पुस्तिका को कब्जा कर लेना चाहिए, ऋण की वसूली करनी चाहिए और साथ ही जमाकर्ताओं को आश्वस्त करना चाहिए कि उनका पैसा सुरक्षित रहेगा और उन्हें वापस कर दिया जाएगा।'


पी. चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा है, 'मार्च 2014 के अंत में लोन 55,633 करोड़ रुपये था, जो मार्च 2019 के अंत बढ़कर 2,41,499 करोड़ रुपये हो गया है। मार्च 2017 के अंत में यह आंकड़ा 1.48,675 रुपये था, जो बढ़कर मार्च 2019 के अंत में 2,41,499 हो गया। नोटबंदी के बाद लोन ने छलांग लगाई है।' 


गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने गुरुवार को सरकार से मशविरा करने के बाद यस बैंक पर रोक लगाई और उसके निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया है। वहीं बैंक के ग्राहकों पर भी 50,000 रुपये मासिक तक निकासी करने की रोक लगायी है। यस बैंक किसी भी तरह के नये ऋण का वितरण या निवेश भी नहीं कर सकेगा।