नई दिल्ली
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए केन्द्र सरकार के साथ विभिन्न राज्य सरकारें अलग-अलग ऐहतियाती कदम उठा रही हैं। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी बड़ा फैसला लिया है। आरएसएस ने संगठन की सबसे बड़ी बैठक 'अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा' को ऐन वक्त पर स्थगित कर दिया है। यह सालाना बैठक बेंगलुरु में 15 मार्च से 17 मार्च तक होनी थी।
आरएसएस के सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'महामारी कोविड-19 की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए एवं केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी सूचना व परामर्शों के चलते बेंगलुरु में होने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा को स्थगित किया जाता है।' उन्होंने संघ के स्वयंसेवकों से यह भी अपील की कि वे अपने-अपने क्षेत्र में जागरूकता लाने और इस चुनौती का सामना करने के लिए प्रशासन की मदद करें।
आपको बता दें कि संघ की प्रतिनिधि सभा में देश के सभी वरिष्ठ प्रचारकों के अलावा विदेश में रहने वाले भी कई प्रतिनिधि शामिल होते हैं। इस बैठक में आरएसएस के अलावा उसके अनुषांगिक संगठनों के अधिकारी भी सालाना रिपोर्ट पेश करते हैं। एनबीटी ऑनलाइन से बाचचीत में एक वरिष्ठ प्रचारक ने बताया कि कई प्रतिनिधि बैठक में हिस्सा लेने के लिए देश के अलग-अलग स्थानों से निकल भी चुके हैं और रास्ते में हैं। सभी प्रतिनिधियों को रविवार की सुबह बेंगलुरु के चेन्ननहल्ली पहुंचना था।
आरएसएस से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि तय कार्यक्रम के मुताबिक प्रतिनिधि सभा में करीब 1500 प्रतिनिधियों को पहुंचना था। अब प्रतिनिधि सभा के स्थगित होने की जानकारी सभी को दी जा रही है। आरएसएस के सरसंघचालक (आरएसएस चीफ) मोहन भागवत, सरकार्यवाह और सहसरकार्यवाह समेत सभी वरिष्ठ अधिकारी पहले ही वहां पहुंच चुके हैं। ये सभी संघ के कार्यकारी मंडल की बैठक में शामिल भी हो रहे हैं। वहीं प्रतिनिधि सभा में हिस्सा लेने के लिए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, बीजेपी महासचिव राम माधव और बीजेपी के संगठन मंत्री बीएल संतोष भी शुक्रवार को बेंगलुरु पहुंचे थे।