जयपुर। हाईकोर्ट ने देश व प्रदेश में कोरोना संक्रमण व महामारी को फैलने से रोकने के लिए सरकारी मशीनरी को कहा है कि वे इस महामारी को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन या अन्य दिए गए निर्देशों का सख्ती से पालन करवाएं।
साथ ही राज्य सरकार इस महामारी को रोकने में लगे सभी विभागों की ओर से किए जा रहे प्रयासों व स्थिति का दैनिक रूप से रिव्यू करे और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश भी दे। अदालत ने कहा कि निर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिए मल्टी टायर मैकेनिज्म व मॉनिटरिंग की जाए और किसी भी स्तर पर इसमें छोटी सी कमी भी नहीं हो। सीजे इन्द्रजीत महान्ति व जस्टिस सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह अंतरिम निर्देश मंगलवार को सेहबान नकवी की पत्र याचिका पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए दिया।
अदालत ने कहा कि जो लोग इन आवश्यक सेवाओं में लगे हुए हैं उन्हें अच्छी गुणवत्ता के मास्क व सेनेटाईजर मुहैया कराए जाएं। इसके अलावा ड्यूटी के दौरान सभी मास्क पहने हों और अपने बीच में दो मीटर की दूरी बनाए रखें। अदालत ने कहा कि पूरा विश्व कोविड-19 महामारी की चुनौती से गुजर रहा है और हमारा देश भी कोरोना की तीसरी स्टेज में है।
विश्व में हमारा देश चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाओं में 145 वें स्थान पर है। इस महामारी को नियंत्रित करने के लिए केन्द्र व राज्य सरकारों ने उचित कदम उठाए है, लेकिन वास्तव में यह महामारी मुख्य तौर पर संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है, लेकिन यह पूरी तरह नहीं रोका जा रहा। ऐसे में व्यापक जनहित को देखते हुए दिए गए निर्देशों की सख्ती से पालना करवाई जाए। अदालत ने केन्द्र व राज्य सरकार से अदालती आदेशों के संबंध में की गई कार्रवाई का ब्यौरा शपथ पत्र सहित 21 अप्रैल 2020 तक देने के लिए कहा है।
यह निर्देश दिए
अदालत ने कहा कि कार्यक्रम या बैठक के नाम पर निजी या आमजन को एकत्रित होने की मंजूरी नहीं दें जब तक कि कोई आपात स्थिति न हो, लेकिन यदि इसकी मंजूरी पहले ली हो तो उस स्थिति में यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी व्यक्ति बिना मास्क पहने नहीं हो और एक-दूसरे के बीच की दूरी दो मीटर हो। घरेलू राशन का सामान या दवाइयां खरीदने के लिए किसी भी व्यक्ति को बिना मास्क पहने जाने की मंजूरी नहीं दी जाए।