कोरोना / प्रदेश की 9 शराब फैक्ट्रियों में बनेगा सेनिटाइजर; सीकर और अजीतगढ़ में ड्रग कंट्रोलर विभाग की टीम करेगी देखरेख


सीकर. काेराेना के बढ़ने संक्रमण में सेनिटाइजर सहित सुरक्षा के अन्य संसाधानाें की व्यवस्था में सरकार बड़े स्तर पर जुटी हुई है। सीकर सहित प्रदेश के सात जिलों की 9 शराब फैक्ट्रियों में सेनिटाइजर बनाया जाएगा। इनमें चार निजी और पांच सरकारी फैक्ट्रियां हैं। सीकर जिले में रींगस व अजीतगढ़ की शराब फैक्ट्रियों में ड्रग कंट्रोलर विभाग की टीम की देखरेख में सेनिटाइजर तैयार किया जाएगा। 



लाॅकडाउन हड़ताल से पूरे राज्य में सेनिटाइजर, मास्क सहित अन्य चीजों की मांग सबसे ज्यादा आ रही है। जयपुर, गुजरात, दिल्ली सहित अन्य जगहों से सेनिटाइजर मंगवाया जा रहा है। लेकिन डिमांड बढ़ने से सप्लाई नहीं हो पा रही है। सेनिटाइजर बनाने में काम में ली जाने वाली सामग्री, स्प्रिट का रिकॉर्ड, स्टॉक आदि की जानकारी अपडेट की जा रही है। चिकित्सा विभाग के ड्रग कंट्रोलर और उनकी टीम ने सोमवार को ही निरीक्षण कर लाइसेंस प्रक्रिया शुरू कर दी। 


22  इन नौ फैक्ट्रियों में बनाए जाएंगे सेनिटाइजर 
सीकर जिले एग्री बायोटेक इंडस्ट्रीज अजीतगढ़ और एडीएस एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड रींगस के अलावा ग्लोबस स्प्रिट  लिमिटेड, श्यामपुरा बहरोड-अलवर, विंटेज डिस्टलरी एमआईए अलवर, राजस्थान स्टेट गंगानगर शुगर मील रेडियेटेशन सेंटर झोटवाड़ा-जयपुर, मंडोर जोधपुर, कोटा, उदयपुर और आरएसजीएसएम हनुमानगढ़ की शराब फैक्ट्रियों में सेनेटाइजर का बनाने का काम शुरू किया जाएगा। एडीएस एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड, रींगस के वाइस प्रेसिडेंट मनीष ने बताया कि ड्रग कंट्रोल के कार्मिकों के आने व आबकारी विभाग से निर्देश मिलते ही सेनिटाइजर निर्माण का काम शुरू करवा देंगे। 


निर्देश मिलने पर इस स्प्रिट के सेनिटाइजर बनाए जाएंगे


जिला आबकारी अधिकारी सीकर आदराम दहिया ने कहा कि आबकारी आयुक्त के निर्देश मिलने पर इस स्प्रिट के सेनिटाइजर बनाए जाएंगे। फैक्ट्रियों में ड्रग कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के कार्मिक और आबकारी अधिकारी तैनात रहेंगे।


मेडिकल दुकानों पर सेनिटाइजर, मास्क की कमी
सीकर जिला केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय नेहरा बोले कि प्रदेश के कई जिलों की मेडिकल दुकानों पर सेनिटाइजर, मास्क, स्प्रिट, सोडियम हाइपोक्लोराइड की कमी हाे चुकी है। बहुत से जिलों में सर्जिकल गाउन, सर्जिकल गलव्ज, लारियागो डीएस टेबलेट, लेपिनाविर-200 एमजी आदि दवाइयां नहीं आ रही हैं। ट्रांसपोर्ट में माल अटका हुआ है। इमरजेंसी सेवाएं होने के बवजूद जयपुर से सप्लाई नहीं हो पा रहा है।