क्या एयरपोर्ट पर यात्रियों की स्क्रीनिंग से है कोरोना फैलने का डर?


नई दिल्ली
पेशे से कम्युनिकेशन एग्जिक्युटिव टीनू चेरियन अब्राहम 11 मार्च के तड़के बेंगलुरु के केम्पेनगौड़ा इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर फैंकफर्ट के रास्ते अमेरिका से आए थे। चेरियन के मुताबिक, स्क्रीनिंग प्रक्रिया के दौरान उन्हें कतार में लंबे वक्त तक इंतजार करना पड़ा।। कतार में खड़े लोग एक दूसरे से इंच-इंच भर ही दूर थे। उन्हें जिस बात से ज्यादा घबराहट हो रही थी वह थी कतार में खड़े होने की अवधि। जिस दौरान लोगों को एक दूसरे के बेहद करीब खड़ा होना पड़ रहा था।


चेरियन का मानना है कि इससे Coronavirus के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने कहा, 'सिर्फ एक कतार थी और अधिकारी मौखिक रूप से यात्रियों की ट्रैवल हिस्ट्री पूछ रहे थे, इसके अलावा उनकी थर्मल स्क्रीनिंग भी हो रही थी, मुझे सामान्य से ज्यादा वक्त कतार में लगा।' 24 घंटे फ्रैंकफर्ट में बिताने के बाद जब वह भारत लौटे तो खुद को सेल्फ आइसोलेशन में 14 दिन के लिए रखने का फैसला किया। 


देश में COVID-19 के बढ़ते मामले के बीच सरकार ने 3 मार्च को इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग के आदेश दिए। यह सिर्फ पहले 12 देशों के यात्रियों तक ही सीमित थी। भारत लैंड कर रहे यात्रियों को अनिवार्य रूप से सेल्फ डिक्लारेशन फॉर्म भरना है जिसमें उन्हें अपनी निजी जानकारी और पिछले दो सप्ताह जिन देशों की यात्रा की है उसका ब्योरा देना है। अब तक भारत में 12 लाख से अधिक यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग की जा चुकी है। लेकिन खतरे को लेकर चिंता बरकरार है क्योंकि जब यात्री एयरपोर्ट पर उतरते हैं, उन्हें कई लोगों के साथ कतारबद्ध होना पड़ता है जिससे संक्रमण की आशंका है।


उधर, ईटी मैगजीन के सवाल का जवाब देते हुए बेंगलुरु इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के प्रवक्ता ने कहा, 'विदेश से आने वाले यात्रियों को 10-15 मिनट तक अतिरिक्त एयरपोर्ट पर रहना पड़ता है, क्योंकि उन्हें स्टेट हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की तरफ से कराई जा रही स्कैनिंग प्रक्रिया से गुजरना होगा।' लेकिन अब्राहम का कहना है कि उन्हें करीब एक घंटे इंतजार करना पड़ा। वहीं, इस खतरे से निपटने के लिए वह सुझाते हैं कि इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर कई कतार होने चाहिए, जैसे कि इमिग्रेशन काउंटर पर होता है।


उधर, एयरपोर्ट्स का कहना है कि वे यात्रियों और स्टाफ के लिए एहतियाती कदम उठा रहे हैं। बीआईएएल प्रवक्ता ने कहा कि एलकॉहल वाले सेनिटाइजर सहित विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं और इसके साथ ही कर्मचारियों को जागरूक भी किया जा रहा है। उधर, दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने पिछले सप्ताह हमारे सहयोगी 'टाइम्स ऑफ इंडिया' को बताया था कि पूरे एयरपोर्ट पर हैंड सेनिटाइजर रखा गया है। इसके अतिरिक्त 'डूज ऐंड डोन्ट्स' के भी पोस्टर लगाए गए हैं। वहीं, स्टाफ को सुरक्षा के उपकरण दिए गए हैं। 


COVID-19 के बढ़ते प्रसार के बीच हवाई अड्डों पर यात्रियों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है। अकेले बेंगलुरू के केम्पेनगौड़ा एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या में 50 प्रतिशत तक की कमी आई है। यहां हर दिन 14 से 15 हजार यात्री आते हैं।