मध्य प्रदेश में तेज सियासी तूफान की रफ्तार, फ्लोर टेस्ट से पहले विधायकों को 'बचाने' में जुटे बीजेपी-कांग्रेस


भोपाल
मध्य प्रदेश में आया सियासी तूफान तेजी पकड़ रहा है। राज्यपाल लालजी टंडन ने फ्लोर टेस्ट के आदेश दे दिए हैं। विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने से पहले फ्लोर टेस्ट कराया जाएगा जिसके लिए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस अपनी ताकत झोंकने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस ने अपने विधायकों को जयपुर से वापस बुला लिया है और सीएम कमलनाथ कैबिनेट की बैठक कर रहे हैं।


बीजेपी कॉन्फिडेंट, कांग्रेस सतर्क
राज्य कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी का दामन थामने के साथ ही मुख्यमंत्री कमलनाथ की कुर्सी डोलने का खतरा हो गया था। बीजेपी मांग कर रही थी कि फ्लोर टेस्ट कराया जाए। राज्यपाल के आदेश के बाद अब वह और भी कॉन्फिडेंट है। वहीं, फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले कांग्रेस ने अपने विधायकों को जयपुर के रिजॉर्ट से भोपाल बुला लिया है। रिपोर्ट्स की मानें तो इन विधायकों को भोपाल आने के बाद भी होटल में एक साथ रखा जाएगा।


कड़ी सुरक्षा में विधायक
कांग्रेस ने अपने विधायकों को वापस लाने का जिम्मा पार्टी के सीनियर नेता हरीश रावत को सौंपा। इन विधायकों को कड़ी सुरक्षा के बीच हवाई जहाज से भोपाल लाया गया। कांग्रेस किस हद तक सतर्कता बरत रही है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भोपाल एयरपोर्ट पर धारा 144 लागू कर दी गई। इसी बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि दिग्विजय सिंह जैसे सीनियर नेताओं के साथ कमलनाथ फ्लोर टेस्ट पर चर्चा कर रहे हैं।

बीजेपी भी तैयार
उधर, बीजेपी ने अपने विधायकों को मानेसर गुरुग्राम के एक होटल में ठहराया हुआ है। वहीं, सिंधिया खेमे के इस्तीफा दे चुके कांग्रेस के 22 बागी विधायकों में से भी ज्यादातर बेंगलुरु में ठहरे हुए हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने इन 22 विधायकों में से छह के त्यागपत्र शनिवार देर शाम को मंजूर कर लिए गए थे, जबकि 16 विधायकों के त्यागपत्र पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है।