मोदी बोले- महाभारत का युद्ध 18 दिन में जीता , कोरोना के खिलाफ 21 दिन लगेंगे


वाराणसी. कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन है। इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी की जनता से संवाद किया। मोदी ने कहा- महाभारत का युद्ध 18 दिन में जीता गया था। आज कोरोना के खिलाफ युद्ध पूरा देश लड़ रहा है, उसमें 21 दिन लगने वाले हैं। मां शैलपुत्री से प्रार्थना है कि कोरोना के विरुद्ध जो युद्ध देश ने छेड़ा है, उसमें हिंदुस्तान और 130 करोड़ देशवासियों को विजय हासिल हो। कोरोना के लिए देशभर में व्यापक तैयारी की जा रही है। लेकिन, हम सबको यह ध्यान रखना है कि सोशल डिस्टेंसिंग, घरों में बंद रहना इस समय एकमात्र उपाय है।


मोदी ने कहा-  काशी का सांसद होने के नाते मुझे ऐसे समय आपके बीच में होना चाहिए था। लेकिन, मैं वाराणसी के बारे में निरंतर अपडेट ले रहा हूं। संकट की इस घड़ी में काशी सबका मार्गदर्शन कर सकती है। काशी का अनुभव शाश्वत, सनातन है। आज लॉकडाउन की परिस्थिति में काशी देश को संयम, समन्वय और संवेदनशीलता सिखा सकती है। साधना, सेवा और समाधान सिखा सकती है। काशी यानी शिव। शिव यानी कल्याण। महादेव की नगरी में संकट से जूझने और सबको राह दिखाने का साहस नहीं होगा तो किसमें होगा? उन्होंने इस संवाद के लिए अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों से 'नरेंद्र मोदी ऐप' के जरिए सुझाव भी मांगे थे।


मोदी ने वॉट्सऐप नंबर जारी किया


मोदी ने कोविड-19 संबंधी जानकारी के वॉट्सऐप नंबर दिया। उन्होंने कहा कि 9013151515 पर आप वॉट्सऐप करके जुड़ सकते हैं। बीमारी से जुड़ी सूचना प्राप्त कर सकते हैं।


काशी के सवाल, मोदी के जवाब:


कृष्णकांत वाजपेयी- बातें हो रही हैं कि गर्मी आने से वायरस खत्म हो जाएगा?


जवाब- कई लोगों को इस बारे में गलतफहमियां हैं। मनुष्य का स्वभाव है कि जो खुद के अनुकूल हो, उसे स्वीकार कर लो। कई बार होता यह है कि अहम बातें जो प्रामाणिक होती हैं, उस पर लोगों का ध्यान होता ही नहीं है। इस बीमारी में जो बातें समझने वाली हैं, वह ये कि यह भेदभाव नहीं करती। यह समृद्ध देश पर भी कहर बरपाती है और गरीब पर भी। जो व्यायाम करते हैं, अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं, ये वायरस उनको भी अपनी चपेट में ले लेता है। हमें सोशल डिस्टेंसिंग पर ध्यान देना चाहिए और दूरी बनाए रखना चाहिए।


मोहिनी झंवर- कुछ जगह पर डॉक्टर-पायलटों से बुरा बर्ताव हो रहा है?
जवाब- आपकी पीड़ा सही है, मेरी भी यही पीड़ा है। मेरी अपील है कि महामारी से बचाने के लिए जो लोग काम में लगे हैं, अगर उनके साथ बुरा बर्ताव होता है तो आप भी ऐसा करने वालों को चेतावनी दीजिए। जो भी सेवा कर रहे हैं, उनकी हमें मदद करनी चाहिए। मैंने गृह विभाग और राज्यों के डीजीपी को सख्ती बरतने को कहा है। संकट की घड़ी में अस्पतालों में सफेद कपड़ों में दिख रहे डॉक्टर-नर्स ईश्वर का रूप हैं। अपनी जान खतरे में डालकर ये लोग हमें बचा रहे हैं। देश की सेवा में लगे लोगों का सार्वजनिक सम्मान होना चाहिए।


अखिलेश- लॉकडाउन की वजह से गरीबों-मजदूरों के सामने मुश्किल है, इन पर ध्यान देने की जरूरत है?


जवाब- हमारे यहां कहा जाता है- साईं इतना दीजिए, जामे कुटुम्ब समाए; मैं भी भूखा न रहूं, साधु न भूखा जाए। जिनके पास ऐसा करने की शक्ति है, वे नवरात्रि से प्रतिदिन 9 गरीब परिवारों की मदद करने का प्रण लें। अगर इतना भी कर गए, तो मां की इससे बड़ी आराधना क्या हो सकती है। आपके आसपास जो पशु हैं, उनकी भी चिंता करनी है। लॉकडाउन की वजह से उनके सामने भी भोजन का संकट है। अपने आसपास के पशुओं का भी ध्यान रखें।


डॉ. गोपालनाथ- कुछ लोग कहीं से पढ़कर, सुनकर खुद इलाज करने लग जाते हैं?
जवाब- संक्रमण का इलाज अपने स्तर पर बिल्कुल नहीं करना है। घर में रहना है और जो करना है, सिर्फ डॉक्टरों की सलाह से करना है। हमें ध्यान रखना है कि अभी तक कोरोना के खिलाफ कोई भी दवाई या वैक्सीन नहीं बनी है। इस पर हमारे देश और दुनियाभर के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। दुनिया के कुछ देशों में अपनी मर्जी से दवा लेने के कारण जीवन संकट में पड़े। हमें अफवाहों से, अंधविश्वासों से बचना है।


अंकिता खत्री- कुछ बच्चों के एग्जाम प्रभावित हुए हैं, चिंता बनी हुई है?
जवाब- इन दिनों सोशल मीडिया में लॉकडाउन का अलग प्रभाव देखने को मिल रहा है। लोग बता रहे हैं कि कैसे वे अपने बच्चों के साथ ज्यादा वक्त बिता रहे हैं। मैं देख रहा हूं कि मानवजाति कैसे इस वैश्विक संकट से जीतने के लिए एक साथ आ गई है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका हमारी बाल सेना निभा रही है। बच्चे कमाल कर रहे हैं। स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया था तो बच्चों ने कमान संभाल ली थी। आज की युवा पीढ़ी की ये शक्ति मुझे प्रभावित करती है। बच्चों को लेकर माता-पिता की चिंता जायज है। लेकिन, मुझे पता है कि बच्चे 21 दिन में अपने मां-बाप को बहुत कुछ सिखा देंगे।