सरकार ने पेट्रोल, डीजल का अंतरराष्ट्रीय भाव घटने का फायदा रोका, एक्साइज ड्यूटी और रोड सेस में 3 रुपये की वृद्धि


नई दिल्ली
केंद्र सरकार कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय भाव में बड़ी गिरावट का फायदा आम लोगों तक नहीं पहुंचने दे रही है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और रोड सेस मिलाकर कुल तीन रुपये प्रति लीटर की दर से ज्यादा कमाई का फैसला किया है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस और अमेरिका-रूस में एक-दूसरे से ज्यादा तेल उत्पादन की लगी होड़ के कारण कच्चे तेल की कीमत में बड़ी गिरावट दर्ज की जा रही है। इससे पेट्रोल-डीजल की लागत में अच्छी-खासी गिरावट आई है, लेकिन सरकार ने पहले की तरह ही इस बार भी घटते अंतराष्ट्रीय भाव का फायदा रोकने का सिलसिला बरकरार रखा है।


एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि पेट्रोल पर विशेष उत्पाद शुल्क प्रति लीटर 2 रुपये बढ़ाकर 8 रुपये कर दिया है, तो वहीं डीजल पर यह शुल्क 2 रुपये बढ़कर अब 4 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इसके अलावा, पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला रोड सेस भी एक-एक रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया है। 


ध्यान रहे कि हाल ही में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय भाव में गिरावट का हवाला देते हुए पेट्रोल-डीजल पर आम जनता को राहत देन की मांग केंद्र सरकार से की थी। उन्होंने पेट्रोल की दर 60 रुपये प्रति लीटर से नीचे लाने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने अपनी पुरानी परंपरा ही कायम रखी। एक सीमित अवधि को छोड़ दें तो मोदी सरकार के पहले कार्यकाल से ही कच्चे तेल का भाव बहुत कम रहा है। इसे मोदी सरकार की किस्मत बताए जाने पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार कहा भी था कि उनकी किस्मत से ही सही, देश और देशवासियों का भला तो हो रहा है। ऐसे में सरकार बदलने की जरूरत क्या है?