देश लॉकडाउन, घर जाने को 1000 किमी चलाई नाव, अब क्वारंटीन


भुवनेश्वर
ओडिशा और आंध्र प्रदेश के प्रवासी मछुआरों का एक ग्रुप नाव खरीदकर 1,080 किलोमीटर की यात्रा करते हुए चेन्नै से इच्छापुरम पहुंचा। ये सभी लोग एक महीने से अधिक समय तक तमिलनाडु में फंसे रहे थे। जब इन्हें अपने घर जाने का कोई साधन नहीं मिला तो इन्होंने एक नाव खरीदी और उसी से घर जाने का फैसला किया।

एक मछली व्यापारी के लिए काम करने वाले ये सभी 27 मछुआरे चेन्नै से पांच दिन की समुद्री यात्रा करने के बाद 20 अप्रैल को ओडिशा-आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर स्थित इच्छापुरम तट पर पहुंच गए। वहां पहुंचते ही पुलिसकर्मियों ने उन्हें क्वारंटीन कर दिया।


27 में से 10 मछुआरे आंध्र प्रदेश के
ओडिशा के गंजम जिले के कलेक्टर विजय अमृता कुलगंगे ने समुद्र से यात्रा की पुष्टि की। कुलगंगे ने बताया, 'सभी 27 मछुआरे एक लकड़ी की नाव से चेन्नै से आ रहे थे, सोमवार की सुबह ओडिशा और आंध्र की सीमा पर स्थित आंध्र प्रदेश के इच्छापुरम के पास डंकुरु समुद्र तट पर पहुंचे।' इनमें से दस मछुआरे ओडिशा से हैं, बाकी आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं।


कोरोना के बढ़ते मामलों से डर गए थे मछुआरे
चेन्नै में कोरोना वायरस के मामलों पर ओडिशा के रहने वाले एक प्रवासी मछुआरे कृष्ण बेहरा ने कहा, 'चेन्नै में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़ने के कारण हम डर गए। हम घर लौटना चाहते थे लेकिन कोई परिवहन उपलब्ध नहीं था। हमने आपस में बात की और अंत में समुद्र के रास्ते अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया।' आपको बता दें क


'घर के करीब होने का संतोष'
उन्होंने बताया, 'हम में से प्रत्येक ने 7,000 रुपये दिए और हमने 1.73 लाख रुपये में 9HP इंजन वाली एक नाव खरीदी। यह तीन साल पुराना जहाज था। हमने नाव के मालिक को विश्वास में लिया और उसने सभी उपकरणों के साथ इसे हमें सौंप दिया।' उन्होंने बताया कि इच्छापुरम में हमें आंध्र के लोगों को छोड़ना था और फिर ओडिशा की ओर बढ़ना था। लेकिन आंध्र तट से हमें क्वारंटीन सेंटर ले जाया गया। अब हम प्रतिबंध हटने के बाद ही घर जा सकेंगे। हमें संतोष है कि हम घर के करीब हैं।