जयपुर. हाईकोर्ट ने अलवर के अकबर उर्फ रकबर मॉब लिंचिग केस में आईओ को केस डायरी सहित 16 अप्रैल को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। जस्टिस एसपी शर्मा ने यह अंतरिम निर्देश मंगलवार को आरोपी धर्मेन्द्र व विजय कुमार की जमानत अर्जियों पर दिया।
वहीं अदालत ने इन दोनों आरोपियों के खिलाफ लंबित आपराधिक केसों का ब्यौरा भी बताने के लिए कहा है। जमानत अर्जियों में कहा था कि इस केस में हाईकोर्ट ने मौके से गिरफ्तार किए आरोपी परमजीत सिंह को जमानत दे दी है। अभियोजन के पास न तो घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह है और न ही कोई साक्ष्य है। इसलिए उन्हें जमानत दी जाए।
इसके विरोध में लोक अभियोजक शेरसिंह महला ने कहा कि आरोपी परमजीत सिंह की जमानत रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हो गई है। यह केस गौरक्षा के नाम पर हत्या करने के आरोप से जुड़ा है। ट्रायल कोर्ट में अभियोजन पक्ष के कुल 48 गवाहों में से 46 गवाहों के बयान हो चुके हैं। इसलिए आरोपियों को जमानत नहीं दी जाए। जिस पर अदालत ने आईओ को केस डायरी सहित उपस्थित होने का निर्देश दिया।
यह है मामला
20 जुलाई 2018 की देर रात पुलिस को अलवर की रामगढ़ थाना पुलिस को गौ तस्करी की सूचना मिली थी। मौके पर जाने पर पुलिस को देखकर कुछ लोग भागने लगे। वहीं धर्मेन्द्र और परमजीत दो गायों को लेकर खड़े मिले।
उसके पास ही घायल अवस्था में रकबर उर्फ अकबर मिला। उसने बताया कि वह लाडपुर से गाय खरीद कर अपने गांव हरियाणा ले जा रहा था। रास्ते में आरोपियों ने आकर मारपीट की। इस दौरान उसका साथी असलम भाग गया। पुलिस अकबर को अस्पताल ले गई, लेकिन वहां पर डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।