बीमा स्कीम और वेतन स्थगन में शामिल नहीं करने के विरोध में बिजलीकर्मियों ने बांधी काली पट्टी, सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन



सरकारी बिजली कंपनियों के टेक्निकल कर्मचारियों ने काली काली पट्टी बांध कर काम किया और दफ्तरों के सामने सांकेतिक प्रदर्शन किया।


जयपुर)। प्रदेश में अतिआवश्यक सेवाओं में शामिल तथा रात-दिन काम कर रहे सरकारी बिजली कंपनियों के टेक्निकल कर्मचारी सरकार के विरोध में उतर आए हैं। प्रदेशभर के बिजलीकर्मियों ने वेतन स्थगन व बीमा स्कीम में शामिल नहीं करने के विरोध में सोमवार को काली पट्टी बांध कर काम किया और दफ्तरों के सामने सांकेतिक प्रदर्शन किया।


राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन सहित अन्य यूनियनों के आह्वान पर यह आंदोलन किया जा रहा है। उन्होंने कोरोना वॉरियर्स का दर्जा देने की मांग की है। एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर ने बताया कि सभी संगठनों के अभियंता, मंत्रालयिक व तकनीकी कर्मचारियों ने हाथों पर काली पट्टी बांध कर दफ्तर व ग्रिड सबस्टेशन पर काम किया।


चिकित्सा और पुलिस विभाग को दी सुविधाएं


सरकार ने चिकित्सा और पुलिस विभाग के स्थाई और संविदा कर्मचारियो के लिए कोरोना संक्रमण की स्थिति  में 50 लाख का बीमा कराने की घोषणा की है। इनका वेतन स्थगन भी नहीं किया। जबकि बिजली कंपनियों के कर्मचारी फील्ड में लगातार काम कर रहे है।


लॉकडाउन के दौरान कई तकनीकी कर्मचारी दुर्घटना व हादसे का शिकार हो गए हैं। इसके बावजूद इन कर्मचारियों को 50 लाख की बीमा पॉलिसी का लाभ नहीं मिला। एसोसिएशन की मीडिया प्रभारी मुकुट बिहारी वर्मा का कहना है कि बिजली कंपनियों के इंजीनियर व टेक्निकल कर्मचारी भी पुलिस व मेडिकल विभाग के डाॅक्टर व नर्सिंग स्टाफ से साथ 24 घंटा ड्यूटी कर रहे हैं। ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है। ऐसे में मार्च व अप्रैल का पूरा वेतन जारी किया जाए और सभी इंजीनियर्स व टेक्निकल कर्मचारियों की 50 लाख की बीमा पाॅलिसी हो। अन्यथा उग्र आंदोलन किया जाएगा।