भारत में सितंबर अंत तक कोविड-19 के 111 करोड़ तक केस हो सकते हैं: अमेरिकी संस्था


नई दिल्ली
लॉकडाउन के बावजूद देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, हालांकि उनके दोगुने होने की दर धीमी हुई है। इस बीच एक अमेरिकी संस्था ने भारत में कोरोना महामारी के बारे में सनसनीखेज भविष्यवाणी की है जो बेहद डरावनी है। अमेरिका स्थित सेंटर फॉर डिसीज, डायनेमिक्स ऐंड इकनॉमिक पॉलिसी (CDDEP) के मुताबिक सितंबर के आखिर तक भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 111 करोड़ तक जा सकते हैं, वह भी तब जब सख्त लॉकडाउन जारी रहे। इसका मतलब है कि देश की 85 प्रतिशत से ज्यादा आबादी इस खतरनाक वायरस की चपेट में होगी।
बिजनसलाइन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक CDDEP ने 20 अप्रैल को जारी की गई अपनी रिपोर्ट में ये सनसनीखेज भविष्यमाणी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर सख्त लॉकडाउन जारी रहे, सोशल डिस्टेंसिंग और आइसोलेशन के मानकों का इसी तरह आगे भी पालन होता रहे तब भी भारत में सितंबर के आखिर तक कोरोना वायरस संक्रमण के 111 करोड़ मामले हो सकते हैं।


रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि तब भारत में कम से कम 55 करोड़ और अधिक से अधिक 138 करोड़ केस सामने आ सकते हैं। खास बात यह है कि भारत की कुल आबादी ही 130 करोड़ के करीब है। लिहाजा इस भविष्यवाणी की मानें तो देश की पूरी आबादी ही कोरोना की चपेट में होगी! यहां यह बात भी ध्यान देने वाली है कि जिन 111 करोड़ मामलों की भविष्यवाणी की गई है, उनमें सितंबर के अंत तक के कुल संभावित मामले यानी तब के कुल ऐक्टिव केस+ठीक हो चुके मरीज+कुल मौतें शामिल होंगी। CDDEP ने अपनी ताजा रिपोर्ट में भारत में सख्त पाबंदियों को जारी रखने की वकालत की है।


रिपोर्ट में कहा गया है कि यह अनुमान उपलब्ध ताजा आंकड़ों पर आधारित है लेकिन इसमें अभी भी अनिश्चितता का पुट है यानी अनुमान गलत भी साबित हो सकता है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फिलहाल जो सबूत मिल रहे हैं वे इस तरफ इशारा कर रहे हैं कि भारत की अच्छी-खासी आबादी में बिना लक्षण वाले या कम गंभीर संक्रमण के मामले दिख सकते हैं। 
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन, इटली, अमेरिका, ब्रिटेन और स्पेन जैसे दूसरे देशों में भी लंबे अंतराल के बाद कोरोना वायरस के मामलों का अचानक विस्फोट दिख सकता है। इन देशों में बाद में कई ऐसे केस सामने आ सकते हैं जिनकी पहले पुष्टि नहीं हो पाई होगी।