नई दिल्ली
तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना मोहम्मद साद तक दिल्ली पुलिस 26 दिन बाद भी नहीं पहुंच सकी है। साउथ-ईस्ट दिल्ली के जाकिर नगर में उनके क्वारंटीन होने की चर्चा थी, जिसका पीरियड खत्म होने के 10 दिन बाद भी वह सामने नहीं आए हैं। क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को शामली में छापेमारी की, लेकिन उसके हाथ कुछ नहीं लगा। सूत्र बताते हैं कि क्राइम ब्रांच के पास फिलहाल साद की कोई जानकारी नहीं है। फिलहाल उनके हरियाणा के मुस्लिम बहुल जिले मेवात में होने की अटकलें हैं।
पिछले महीने निजामुद्दीन मरकज के भीतर हजारों की संख्या में लोग आए थे। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि देश में 4291 जमाती कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, जो भारत के कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों का 29.8 फीसदी है। इनकी वजह से 23 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कोरोना से प्रभावित हैं। सूत्रों के मुताबिक, ये सिर्फ अभी तक पॉजिटिव पाए गए मरीज हैं। सैकड़ों जमीत क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे हैं, जिनके भीतर भी वायरस होने की आशंका है। फिलहाल देशभर में एक हजार से ज्यादा जमातियों के ठिकानों के बारे में पुलिस और प्रशासन अनजान हैं। इनके सामने नहीं आने से इनकी वजह से कोरोना का खतरा बरकरार है।
कई विदेशी जमातियों को खोजा गया
पुरानी दिल्ली और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के कई मस्जिदों से सैकड़ों जमाती बरामद किए गए। इनमें विदेशी और महिलाएं भी शामिल थीं। चीन, इंडोनेशिया, सूडान, मलयेशिया, नेपाल, फ्रांस, माली, मोरक्को, थाईलैंड, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, सऊदी अरब, सीरिया, फिलिस्तीन और बांग्लादेश के नागरिक देशभर में फैल गए। इनमें कोरोना पॉजिटिव मिलने वालों की तादाद काफी है। फिलहाल फिट दिख रहे जमातियों को क्वारंटीन सेंटरों में रखा गया है।मौलादा साद का फॉर्महाउस
इस बीच, तबलीगी जमात के प्रमुख साद के कई ऑडियो सामने आए हैं। वह क्राइम ब्रांच के दो नोटिस का जवाब भेज चुके हैं। वह जांच अधिकारी को एफआईआर की कॉपी सौंपने और बाद में जोड़ी धाराओं की जानकारी हासिल करने के लिए एक लेटर लिख चुके हैं। मरकज में जमातियों को संबोधित करते हुए 21 मार्च को मस्जिद को मरने की सबसे अच्छी जगह बताने वाले उनके ऑडियो को छोड़ दें तो मौलाना ने इसके बाद से जमातियों को पुलिस और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है। रमजान के लिए हिदायत देते हुए उनका ऑडियो आया था, जिसमें उन्होंने जमातियों से सरकार की गाइडलाइंस का पालन करने की अपील की है।
बहरहाल, वह खुद अब तक सामने नहीं आए हैं। हालांकि वह कह चुके हैं कि क्राइम ब्रांच के नोटिसों का जवाब देकर वह तफ्तीश में शामिल हो चुके हैं। पुलिस की तरफ से जब भी उन्हें नोटिस मिलेगा तो वह चले आएंगे। क्राइम ब्रांच ने उनसे एम्स या किसी सरकारी अस्पताल से कोविड-19 का टेस्ट कराकर रिपोर्ट भेजने को कहा है, जो अब तक जांच एजेंसी के पास नहीं पहुंची है। अब सवाल ये है कि मौलाना हैं कहां?
ईडी ने साद के करीबियों से की पूछताछ
जांच के दौरान मरकज से उर्दू में मिले दस्तावेजों से विदेश से पैसा आने के सबूत मिले हैं। इन्हें एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट (ED) को सौंप दिए गए हैं। अब ईडी इस रकम के सोर्स का पता लगा रही है। अब तक मरकज के नाम पर कोई ट्रस्ट नहीं मिला है। उनके 5 करीबियों से पूछताछ की गई है, जिनमें मनी चेंजर और ट्रेवल एजेंट भी शामिल हैं। इन दोनों से कुछ अहम जानकारी मिलने की बात सामने आई है। ईडी अब जल्द ही मौलाना को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुला सकती है। ईडी पैसे भेजने वाले लोगों और उनके अकाउंट, इस पैसे को खर्च करने को लेकर जांच कर रही है।