नई दिल्ली
कोरोना वायरस की वजह से पहले 24 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन रहा और अब उसे बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया है। 20 अप्रैल से सरकार ने धीरे-धीरे कुछ दुकानें खोलने और बंद पड़े कुछ काम शुरू करने शुरू कर दिए हैं। उम्मीद की जा रही है कि 3 मई के बाद लॉकडाउन खुल जाएगा, लेकिन डॉक्टर सरीन ने कहा है कि दिल्ली में ये लॉकडाउन 16 मई तक जारी रह सकता है। इसकी वजह ये है कि अभी तक हर्ड इम्युनिटी नहीं आ सकी है और कोरोना संक्रमण के ग्राफ में गिरावट आने से पहले लॉकडाउन हटाना खतरनाक हो सकता है।
हर्ड इम्युनिटी नहीं, लॉकडाउन हटा तो मामले बढ़ेंगे
कोरोना के ग्राफ में तब गिरावट मानी जाएगी जब किसी प्राइमरी केस से सेकेंडरी केस में संक्रमण एक से कम व्यक्तियों में फैले। पिछले एक महीने में सिर्फ बार ऐसा हुआ है जब दिल्ली में रोज कोरोना के मामले में 100 से अधिक केस सामने आए हैं। इनमें से सिर्फ 4 मामले ऐसे हैं, जिसमें लोकल केस की वजह से मामले बढ़े। ये सभी मामले तबलीगी जमात से जुड़े थे, जो एक धार्मिक आयोजन में शामिल हुए थे।
विशेषज्ञों का कहना है कि अभी कोरोना वायरस को लेकर हर्ड इम्युनिटी विकसित नहीं हुई है। बता दें कि हर्ड इम्युनिटी का मतलब है कोरोना से लड़ने के लिए बहुत सारे लोगों में इम्युनिटी विकसित हो जाना, जो तब विकसित होगी, जब बहुत सारे लोग इससे संक्रमित होंगे। अभी अगर अचानक से लॉकडाउन हटा तो इससे तेजी से कोरोना वायरस के मामले बढ़ेंगे।
क्या कहना है डॉक्टर का?
कोविड-19 पर दिल्ली सरकार के पैनल के चेयरमैन डॉक्टर एसके सरीन ने कहा है कि अभी कोरोना महामारी के ग्राफ में गिरावट आनी शुरू नहीं हुई है। ऐसे में लॉकडाउन 16 मई तक चल सकता है, क्योंकि उसके बाद से ही ग्राफ में गिरावट देखी जाएगी। अभी मौजूदा हालात में ये ग्राफ तेजी से ऊपर की तरफ ही बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में पहला मामला 3 मार्च को सामने आया था और चीन में इस महामारी को देखते हुए अगर कैल्कुलेशन करें तो इसके ग्राफ में गिरावट आने में करीब 10 हफ्ते का समय लगेगा।