कोरोना की एक कर्मयोद्धा मां...एक साल की बीमार बेटी को गोद में उठाया और करती रहीं पुलिस की ड्यूटी


मुरादाबाद
कोरोना के इस संकट काल में सारा देश लॉकडाउन के कारण घरों में कैद हो गया है। देश में महामारी के कहर को रोकने की जिम्मेदारी जिन लोगों पर है, उसमें सबसे चुनौतीपूर्ण स्थितियां उन पुलिसकर्मियों पर है, जिन्हें अपने परिवार का ध्यान रखने के साथ साथ समाज में भी ड्यूटी की बड़ी जिम्मेदारी निभानी है। ड्यूटी के इस फर्ज की चुनौतियां कितनी हैं, इसकी एक तस्वीर सोमवार को मुरादाबाद जिले के पीएसी कैंप के बाहर दिखी। ये तस्वीर यूपी पुलिस की एसआई नीशू कडियान (Moradabad SI Nishu Kadiyan) की थी जो कि अपनी एक साल की बिटिया को गोद में लेकर सड़क पर ड्यूटी करती दिखाई दीं।
नीशू फिलहाल कोरोना के संकटकाल में मुरादाबाद शहर (Lockdown in Moradabad) में लॉकडाउन का पालन कराने को लगाई गई पुलिस फोर्स का हिस्सा हैं। सोमवार को नीशू की तैनाती यहां के 24वीं वाहिनी पीएसी कैंप के बाहर थी। नीशू की बेटी दो रोज से बीमार थी, इसलिए नीशू उसे घर पर छोड़ने को तैयार नहीं थीं। पुलिस (UP POLICE) की ड्यूटी की जिम्मेदारी भी बड़ी थी, इसलिए एक साल की बेटी को गोद में लिए वह पीएसी कैंप के बाहर सुरक्षा के लिए पहुंच गईं।


हर किसी ने जज्बे को किया सलाम
नीशू की इस तस्वीर को देखकर हर कोई भावुक हो उठा। गोद में बिटिया मां को ड्यूटी करते एकटक देखती रही, वहीं सड़क चलते राहगीरों ने भी नीशू के इस जज्बे को सलाम किया। पुलिस के बैरिकेड पर बेटी के साथ मौजूद एसआई नीशू ने यहां पर लॉकडाउन के दौरान बाहर निकले लोगों को घर में रहने के लिए कहा और गैरजरूरी वजहों से बाहर निकले लोगों पर कार्रवाई भी कराई।


बच्चों की देखभाल करता है परिवार
बेटी के साथ ड्यूटी के इस फैसले पर नीशू ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं। ड्यूटी के दौरान कई बार वक्त नहीं होता, इसलिए एक मेड उनके दोनों बच्चों की देखभाल करती है। नीशू ने बताया कि उनके पति अपना बिजनस चलाते हैं और वह भी बच्चों का ध्यान रखने में उनका पूरा सहयोग करते हैं।


मां से दूर नहीं होना चाहती थी बिटिया
नीशू ने बताया कि उनकी एक साल की बिटिया दो दिनों से अस्वस्थ थी और वह नहीं चाहती थी कि उसकी मां उसे एक पल के लिए भी अकेला छोड़े। ऐसे में नन्ही बच्ची की ख्वाहिश पूरा करने और ड्यूटी के फर्ज को निभाने के लिए नीशू ने उसे गोद में उठाया और ड्यूटी के लिए निकल पड़ीं। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी को हल्का फीवर था, लेकिन वह उन्हें ड्यूटी पर जाने नहीं दे रही थी। दूसरी ओर लॉकडाउन के दौरान शहर में पूरी व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी भी थी, इस कारण उन्होंने एक साल की बेटी को गोद में लेकर यहां पर ड्यूटी पूरा करने का फैसला किया।